Shahid Siddiqui: रालोद से इस्तीफा देने वाले शाहिद सिद्दीकी ने थामा सपा का दामन, जल्द मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

Shahid Siddiqui News राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने वाले पूर्व राज्यसभा सदस्य शाहिद सिद्दीकी ने शुक्रवार को सपा मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर सपा का दामन थाम लिया। शीघ्र ही उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। शाहिद सिद्दीकी ने एक अप्रैल को रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी को अपना इस्तीफा दे दिया था।

By Shobhit Srivastava Edited By: Aysha Sheikh Publish:Sat, 06 Apr 2024 07:58 AM (IST) Updated:Sat, 06 Apr 2024 07:58 AM (IST)
Shahid Siddiqui: रालोद से इस्तीफा देने वाले शाहिद सिद्दीकी ने थामा सपा का दामन, जल्द मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
Shahid Siddiqui: रालोद से इस्तीफा देने वाले शाहिद सिद्दीकी ने थामा सपा का दामन, जल्द मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने वाले पूर्व राज्यसभा सदस्य शाहिद सिद्दीकी ने शुक्रवार को सपा मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर सपा का दामन थाम लिया। शीघ्र ही उन्हें पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

सपा अध्यक्ष ने शाहिद के साथ मुलाकात की फोटो इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा... 'शाहिद सिद्दीकी के साथ, एक मुलाकात।' वहीं, शाहिद सिद्दीकी ने एक्स पर लिखा, 'समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से लखनऊ में बहुत सौहार्दपूर्ण माहौल में मुलाकात हुई और देश प्रदेश के बहुत से महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।'

Met Shri Akhilesh Yadav Ji National President of Samajwadi Party in Lucknow. It's of utmost importance to unite all nationalist, democratic forces to save India and its institutions and the constitution. We will be working together in the coming days to strengthen democratic and… pic.twitter.com/vqi1gwIZX5

— shahid siddiqui (@shahid_siddiqui) April 5, 2024

शाहिद सिद्दीकी ने एक अप्रैल को रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी को अपना इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था रालोद के एनडीए का हिस्सा बनने के बाद मैं असमंजस में पड़ गया हूं। मैंने इस पर विचार किया, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन से खुद को जोड़ पाने में असमर्थ हूं। जिस विचारधारा के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी अब उसी के साथ रालोद का गठबंधन सही नहीं है। आज जब संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा खतरे में है, ऐसे में खामोश रहना पाप है। मैं भारी मन से रालोद से दूरी बनाने के लिए मजबूर हूं।

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