लखनऊ : सात बरस का हो गया बाल रंगमंच को संवारता चबूतरा थियेटर पाठशाला

Anniversary of Chabutra Theatre Pathshala रंगकर्मी महेश चंद्र देवा ने करीब दस हजार बच्चों को रंगमंच से जोड़ा। महेश चंद्र देवा बताते हैं शहर के छह स्थानों में गरीब उपेक्षित अल्पसंख्यक एवं पिछड़े समाज के बीच में चबूतरा थियेटर पाठशाला खोली गईं।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 11 Dec 2020 05:24 PM (IST) Updated:Sat, 12 Dec 2020 06:22 AM (IST)
लखनऊ : सात बरस का हो गया बाल रंगमंच को संवारता चबूतरा थियेटर पाठशाला
टीवी के साथ सिनेमाई पर्दे पर भी चमके चबूतरा थियेटर पाठशाला के बच्चे।

लखनऊ, जेएनएन। पिछले 18 वर्षों से थियेटर करते हुए महेश चंद्र देवा ने करीब आठ से दस हजार बच्चों को रंगकर्म के जरिए शिक्षित एवं अभिनय में पारंगत किया। बच्चों ने थियेटर के माध्यम से बहुत कुछ सीखा जाना और आज वही रंगकर्म विद्यार्थी अलग-अलग विधाओं व सेवाओं में कार्यरत हैं। ये सब कुछ चबूतरा थियेटर पाठशाला से संभव हो पाया। बाल रंगमंच को संवारता चबूतरा थियेटर पाठशाला शुक्रवार को सात बरस का हो गया। चबूतरा थियेटर में नि:शुल्क रंगमंचीय प्रशिक्षण दिया जाता है। अभिनय के साथ ही लेखन, निर्देशन, चित्रकला, गायन, नृत्य और कविता-कहानी लिखना एवं पाठ करना भी सिखाया जाता है। मदर सेवा संस्थान द्वारा संचालित चबूतरा थियेटर 11 दिसंबर 2013 में शुरू किया गया था।

महेश चंद्र देवा बताते हैं, शहर के छह स्थानों में गरीब, उपेक्षित, अल्पसंख्यक एवं पिछड़े समाज के बीच में चबूतरा थियेटर पाठशाला खोली गईं। अभिभावकों और बच्चों से संपर्क किया गया। धीरे-धीरे बच्चों ने इससे जुड़ना शुरू किया। तीन साल के अंदर ही चबूतरा थियेटर के बच्चों ने रेडियो, टेलीविजन और सिनेमा जगत में अपनी पहचान बनाना शुरू कर दिया। तमाम मंचों पर कई यादगार प्रस्तुतियां दीं। चबूतरा थियेटर पाठशाला की खुशी गौतम, नैंसी और शिखा वाल्मीकि कई विज्ञापनों को हिस्सा रह चुकी हैं।

आर्यन चौधरी ने फिल्म अभिनेता कुणाल खेमू के साथ वेब सीरिज 'अभय' में काम किया। खुशी ने उलझन फिल्म की। शिखा, नैंसी और शिवानी को अनुभव सिन्हा की फिल्म में काम करने का मौका मिला। प्रिंसी वाल्मीकि, शेखर, रिया, आकाश वाल्मीकि ने डीडी यूपी के सीरियल रवींद्रनाथ ठाकुर की कहानी अल्योझा में बाल कलाकार की मुख्य भूमिकाएं निभाईं। काजल गौतम, आर्यन गौतम, खुशी गौतम, सोनाली, वैशाली वाल्मीकि, मो. अमन, मो. सैफ, मो. आरिफ आदि भी अलग-अलग डॉक्यूमेंट्री फिल्म में काम कर चुके हैं। मो. सैफ अब तक करीब 25 नाटकों में काम कर चुके हैं।

सम्मानित भी हो चुके हैं बच्चे

तनीशा वाल्मीकि को अभिनय, कहानी लेखन और नाट्य निर्देशन के लिए नारी शक्ति सम्मान-२०१६ से सम्मानित किया गया। मो. अमन को नाट्य लेखन के लिए बाल प्रतिभा सम्मान मिला। सोनाली वाल्मीकि और हर्ष गौतम को भी नाट्य लेखन और निर्देशन के लिए विभिन्न मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है।

सातवीं वर्षगांठ पर आयोजन

चबूतरा थियेटर पाठशाला की सातवीं वर्षगांठ पर बाल एवं युवा लिंग समानता आधारित कार्यक्रम हुआ। डालीगंज स्थित रविदास पार्क में बच्चों ने खेल, नाटक, गीत और संवाद के जरिए लड़का-लड़की एक समान का संदेश दिया।

मेरे जीवन की उपलब्धि है ये

महेश चंद्र देवा कहते हैं, मैंने चबूतरा थियेटर पाठशाला की नींव रखकर उन बच्चों के अंदर कला प्रतिभा को जगाने के साथ ही उनकी प्रतिभाओं को मंच से सिनेमा तक पहुंचाया। इसमें हमारी चबूतरा थिएटर पाठशाला की टीम का भी काफी बड़ा योगदान रहा। काफी मेहनत करने के बाद २० से २५ बच्चे लगभग तीन-चार सालों से सिनेमा के पर्दे में नजर आ रहे हैं। यह मेरे जीवन की बड़ी उपलब्धि है कि चबूतरा थियेटर पाठशाला से बच्चों ने सिनेमाई पर्दे पर भी नाम कमाया और थियेटर में भी अपना जलवा बिखेरा। 

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