योग से विकसित होता है आत्मसंयम : रीना मानस

लखनऊ जेएनएन। आत्मसंयम का अर्थ स्वयं पर नियंत्रण होता है। यह मनुष्य के जीवन का वो सोपान है ि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 01:30 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 01:30 AM (IST)
योग से विकसित होता है आत्मसंयम : रीना मानस
योग से विकसित होता है आत्मसंयम : रीना मानस

लखनऊ, जेएनएन। आत्मसंयम का अर्थ स्वयं पर नियंत्रण होता है। यह मनुष्य के जीवन का वो सोपान है, जिसके माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति सफलता का मार्ग आसानी से तय कर सकता है। इतिहास साक्षी रहा है, जिसने भी आत्मनियंत्रण किया उसने इतिहास तक को परिवर्तित कर दिखाया है, फिर चाहे वो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम हो या स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुष। हमारे सामने ऐसे अनेक उदाहरण हैं।

दैनिक जागरण लखनऊ के फेसबुक एक्टिविटी पेज पर शुक्रवार को संस्कारशाला सेशन का आयोजन किया गया। इसमें ब्राइटलैंड स्कूल व कॉलेज की निदेशक रीना मानस ने लोगों से आत्मसंयम विषय पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आत्मसंयमित व्यक्ति समाज के हित में कार्य करने के लिए सदैव तत्पर रहता है। योग का भी मुख्य उद्देश्य आत्मसंयम है। नियम, प्राणायाम, ध्यान, धारणा ये सभी योग के अंग हैं, जो मनुष्य के अंदर आत्मसंयम के गुण को विकसित करते रहते हैं। अपने विचारों को स्थिर करने के लिए दस मिनट का मेडिटेशन बहुत जरूरी है। सभी को इसे दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए।

chat bot
आपका साथी