कांग्रेस तथा BSP के बड़े नेता समाजवादी पार्टी में शामिल, अखिलेश बोले-सफल होगा मिशन 2022

Samajwadi Party अखिलेश यादव ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री व पांच बार के सांसद रहे कांग्रेसी नेता सलीम शेरवानी के साथ अंबेडकरनगर से पूर्व सांसद बसपा कोऑर्डिनेटर त्रिभुवन दत्त को उनके तमाम समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 02:58 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 06:05 PM (IST)
कांग्रेस तथा BSP के बड़े नेता समाजवादी पार्टी में शामिल, अखिलेश बोले-सफल होगा मिशन 2022
अखिलेश यादव ने कहा कि इस समय तो किसानों के साथ भी लूट हो गई है

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने इरादे जता दिए हैं। बदायूं से पांच बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी के साथ उनके समर्थकों तथा बसपा के कद्दावर नेता के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद अखिलेश यादव ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित किया।

अखिलेश यादव ने सलीम शेरवानी समेत अन्य नेताओं का पार्टी में स्वागत किया। अखिलेश यादव ने मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री व पांच बार के सांसद रहे कांग्रेसी नेता सलीम शेरवानी के साथ अंबेडकरनगर से पूर्व सांसद बसपा कोऑर्डिनेटर त्रिभुवन दत्त को उनके तमाम समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी के साथ नसीम बेगम, हरदोई के शाहाबाद से बसपा से विधायक रहे आसिफ उर्फ बब्बू खां, हापुड़ की धौलाना सीट से बसपा विधायक असलम चौधरी की पत्नी, महाराजगंज जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभु दयाल चौहान समेत कई अन्य नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं। पूर्व पीसीएस अधिकारी वीके सैनी व कैप्टेन इंद्रपाल सिंह पाल समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।

कानपुर देहात के सिंकदरा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अजीत सिंह पाल के भाई कैप्टन इंद्रपाल ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा है। इंद्रपाल सिंह पाल 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ थे। शिवपाल यादव ने उन्हेंं कानपुर देहात की अकबरपुर सीट से लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था। इनके साथ महराजगंज के जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभु दयाल चौहान भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।

समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में समाजवादी पार्टी का लक्ष्य 2022 के विधानसभा चुनाव हैं। इसमें जीत की शुरुआत तो सात सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनाव से ही हो रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनकी सरकार जिम्मेदार है। अब तो प्रदेश में आए दिन घटनाएं हो रही हैं। सरकार केवल अपराध के आंकड़े छुपाने का काम कर रही है।

इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दो बार इन्वेस्टर्स समिट में चार लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू के दावे थे। इसमें कितना निवेश आया इसकी जानकारी सरकार को देनी चाहिए। यह झूठी सरकार है। इसे हटाने के लिए हमारे साथ बहुत सारे लोग शामिल हो रहे हैं। आने वाले समय में देश की राजनीति का भी भविष्य उत्तर प्रदेश तय करेगा।

कम टेस्ट तो कम संक्रमण

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर एक ही निर्णय किया है कि जिसने कम टेस्ट होंगे उतनी कम बीमारी दिखाई देगी। अखिलेश ने कहा मंत्रियों, अधिकारियों, पत्रकारों और ना जाने कितने लोगों की जान चली गई। अब सरकार कह रही है कि इस बीमारी के साथ रहना होगा। अगर हमें बीमारी के साथ ही रहना है तो अस्पताल क्यों नहीं अच्छे कर रहे हैं। प्रदेश में न तो टेस्ट हो रहे हैं और न ही अस्पतालों में इलाज हो रहा है। बहुत सारे लोगों की जान चली गई न जाने कितने लोग बीमार हैं। अब तो यह सरकार कह रही है कि इस बीमारी के साथ रहना होगा।

किसानों के साथ भी लूट

अखिलेश यादव ने कहा कि इस समय तो किसानों के साथ भी लूट हो गई है। किसानों की दशा को देखने वाला कोई नहीं है। अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी लगातार काम कर रही है और इसके परिणाम आगामी चुनाव में दिखाई देंगे।

अखिलेश से मिलने के बाद मन बनाया

बदायूं से पांच बार सांसद रहे सलीम शेरवानी ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से भेंट करने के बाद समाजवादी पार्टी में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी। सलीम शेरवानी ने कांग्रेस के टिकट पर 2019 का लोकसभा चुनाव बदायूं से लड़ा था। सलीम शेरवानी 1984 में पहली बार बदायूं से बने थे। इसके बाद 1996, 1998, 1999 तथा 2004 में लगातार सांसद बनते रहे। सलीम शेरवानी का उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबा अनुभव रहा है। पांच बार सांसद रहने के साथ केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। 2019 में उनके बदायूं में कांग्रेस के टिकट पर लडऩे के कारण सांसद धर्मेंद्र यादव को सीट गंवानी पड़ी थी।  

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