जेल में बंद आसाराम समर्थकों के पैतरे से संत भौचक

जेल में बंद आसाराम बापू के भक्तों की कारस्तानी इन दिनों माघ मेला क्षेत्र में संतों को भौचक किए है। मेले में सक्रिय आसाराम समर्थक 'ऋषि प्रसाद' नामक पुस्तिका वितरित कर रहे हैं। इसमें कई संत आसाराम को निर्दोष बता रहे हैं।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sat, 30 Jan 2016 08:39 PM (IST) Updated:Sat, 30 Jan 2016 08:45 PM (IST)
जेल में बंद आसाराम समर्थकों के पैतरे से संत भौचक

लखनऊ। दुष्कर्म के आरोप में जयपुर की जेल में बंद आसाराम बापू के भक्तों की कारस्तानी इन दिनों माघ मेला क्षेत्र में कई संतों को भौचक किए हुए है। मेले में सक्रिय आसाराम के समर्थक 'ऋषि प्रसाद' नामक पुस्तिका वितरित कर रहे हैं और इसमें कई संतों के ऐसे बयान हैं जिनमें वह आसाराम को निर्दोष बता रहे हैं। संतों का कहना है कि उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया ही नहीं है। कुछ तो कानूनी कार्रवाई की भी सोच रहे हैं। इलाहाबाद माघमेला क्षेत्र में इस बार आसाराम बापू भले ही सशरीर नहीं हों, लेकिन भक्तों के चलते उनसे जुड़ी गतिविधियां सुर्खियों में जरूर है। इसकी वजह बनी है आसाराम बापू के अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से प्रकाशित होने वाली 'ऋषि प्रसाद'। इस पत्रिका में पिछले 26 माह से यौन उत्पीडऩ के आरोप में बंद आसाराम को निर्दाेष बताया गया है और उनके पक्ष में कई प्रमुख संत-महात्माओं का बयान भी है। यहां तक कि पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती हवाले से भी यह कहलवा दिया गया है कि आसाराम निर्दोष हैं। शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती आसाराम के भक्तों के खेल से अनजान हैं। कहते हैं कि उन्होंने कभी भी जेल में बंद आसाराम के समर्थन में कोई बयान नहीं दिया। यह मामला कोर्ट में है और वही तय होगा कि वह (आसाराम) दोषी हैं अथवा निर्दोष। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के हवाले से भी कुछ इसी तरह की बात कही गई है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष अब आसाराम व उनके आश्रम को कानूनी नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे हैं। कहते हैं कि पत्रिका में छपा उनका बयान मनगढ़ंत हैं। जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती भी कहते हैं कि उन्होंने आसाराम को कभी निर्दोष नहीं बताया। अगर पत्रिका में कोई बयान छपा है तो वह उसका अवलोकन करके आगे की कार्रवाई करेंगे।

chat bot
आपका साथी