अमरोहा में राहुल-अखिलेश 20 अप्रैल को करेंगे संयुक्त रैली, बसपा छोड़कर आए दानिश अली हैं कांग्रेस के प्रत्याशी
अमरोहा में बीते 40 वर्षों से कांग्रेस लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाई है। 1984 में कांग्रेस के रामपाल सिंह इस सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे। उसके बाद से भाजपा ने तीन बसपा ने दो सपा जनता दल और रालोद एक-एक बार चुनाव जीत चुकी है। 2004 में इस सीट से स्वतंत्र रूप से हरीश नागपाल ने जीत हासिल की थी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव शनिवार को संयुक्त रूप से अमरोहा लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करेंगे। दोनों नेता कांग्रेस के लिए संयुक्त रैली भी करेंगे।
अमरोहा में बीते 40 वर्षों से कांग्रेस लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाई है। 1984 में कांग्रेस के रामपाल सिंह इस सीट से लोकसभा चुनाव जीते थे। उसके बाद से भाजपा ने तीन, बसपा ने दो, सपा, जनता दल और रालोद एक-एक बार चुनाव जीत चुकी है। 2004 में इस सीट से स्वतंत्र रूप से हरीश नागपाल ने जीत हासिल की थी।
कांग्रेस ने दानिश अली को मैदान में उतारा
बसपा छोड़कर आए कुंवर दानिश अली को अमरोहा से कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा है। बसपा के टिकट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी कंवर सिंह तंवर को 63,248 मतों से हराकर चुनाव जीता था। उप्र में लोकसभा के दूसरे चरण के चुनाव में कांग्रेस अमरोहा, बुलंदशहर व मथुरा तथा गाजियाबाद की सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसीलिए बुधवार को राहुल और अखिलेश ने गाजियाबाद में संयुक्त रूप से प्रेस कान्फ्रेंस करके उप्र में अपने चुनावी प्रचार को गति दी है।
शनिवार को अमरोहा की रैली के बाद प्रदेश कांग्रेस की तरफ से 24 अप्रैल से पहले मथुरा और बुलंदशहर में भी राहुल व अखिलेश का चुनाव प्रचार कार्यक्रम करवाने की कवायद की जा रही है। दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होना है।
इसके मद्देनजर 23 अप्रैल से चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। अमरोहा की पांच विधानसभा सीटों में से घनौरा, हसनपुर और गढ़मुक्तेश्वर की सीटों पर भाजपा का कब्जा है, जबकि नौगावां सादात व अमरोहा विधानसभा सीटों पर सपा का कब्जा है।
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