निजी मेडिकल कालेजों को निर्धारित फीस पर प्रवेश देने की चेतावनी

प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों ने पिछले साल चुने अभ्यर्थियों के दाखिलों में रोड़े अटकाए थे उसी तरह इस बार फिर इन निजी कॉलेजों ने गड़बड़ी शुरू कर दी है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Thu, 05 Jul 2018 07:50 PM (IST) Updated:Fri, 06 Jul 2018 04:33 PM (IST)
निजी मेडिकल कालेजों को निर्धारित फीस पर प्रवेश देने की चेतावनी
निजी मेडिकल कालेजों को निर्धारित फीस पर प्रवेश देने की चेतावनी

लखनऊ (जेएनएन)। सीटें बेचकर समानांतर कमाई करने की जुगत में जिस तरफ प्रदेश के निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों ने पिछले साल चुने हुए अभ्यर्थियों के दाखिलों में रोड़े अटकाए थे, उसी तरह इस बार फिर इन निजी कॉलेजों ने गड़बड़ी शुरू कर दी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ऐसी ही कोशिश पर मेरठ के एक कॉलेज को नोटिस जारी कर चेतावनी दी है, जबकि अन्य कॉलेजों पर भी नजर रखी जा रही है।

नीट यूजी की पारदर्शी काउंसिलिंग प्रक्रिया के जरिये चुने गए अभ्यर्थियों को कई निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेज पिछले साल शासन द्वारा तय फीस पर प्रवेश देने को तैयार नहीं थे। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने काउंसिलिंग के जरिए जब कॉलेज तय करके अभ्यर्थियों को वहां भेजा तो कुछ कॉलेजों ने गेट बंद कर बाउंसर तैनात कर दिए, ताकि अभ्यर्थियों को कॉलेज परिसर में प्रवेश ही न करने दिया जाए और निर्धारित समय बीतने पर उसकी खाली सीट मनमाने दाम पर किसी और को बेच दी जाए। पुलिस लगाकर तब बड़ी मुश्किल से अभ्यर्थियों का दाखिला कराया गया था, जबकि कॉलेजों के असहयोगी रवैये के कारण कई अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं मिल पाया था।

पिछले साल के अनुभव से सबक लेते हुए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस साल उन सभी बचे हुए कॉलेजों की भी फीस तय कर दी, जिनका निर्धारण पिछले साल नहीं हो पाया था। इन्हीं में मेरठ का वह डेंटल कॉलेज भी शामिल है, जो फीस को लेकर अभ्यर्थियों को गुमराह कर रहा है। चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता ने बताया कि इस कॉलेज की 1.37 लाख रुपये की सालाना फीस 18 जून के शासनादेश से तय की जा चुकी है, लेकिन कॉलेज अपनी वेबसाइट पर शुल्क का मामला विचाराधीन होने और शासनादेश जारी होने पर अभ्यर्थियों को इसकी सूचना देने की बात कह रहा है। इसे कॉलेज द्वारा अभ्यर्थियों से संभावित अतिरिक्त उगाही की तैयारी माना जा रहा है। डॉ.गुप्ता ने बताया कि कॉलेज को नोटिस भेजकर अभ्यर्थियों को गुमराह न करने की चेतावनी दी गई है।

निर्धारित फीस पर ही होंगे दाखिले

महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ.केके गुप्ता ने बताया कि शासन द्वारा निर्धारित फीस पर ही निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में दाखिले कराए जाएंगे। कॉलेजों की वेबसाइट पर नजर रखी जा रही है। यदि कोई कॉलेज निर्धारित से अधिक फीस लेने का प्रयास करेगा या काउंसिलिंग से चयनित अभ्यर्थियों की प्रवेश प्रक्रिया में अड़ंगा लगाएगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अक्टूबर में वापस होगी सिक्योरिटी की रकम

नीट यूजी काउंसिलिंग के जरिए मेडिकल व डेंटल कक्षाओं में दाखिले के लिए जमा की गई सिक्योरिटी मनी अक्टूबर तक वापस होगी। अभ्यर्थियों से राजकीय कॉलेजों के लिए 30 हजार रुपये और निजी कॉलेजों के लिए दो लाख रुपये सिक्योरिटी मनी के तौर पर जमा कराए गए थे। यह रकम शिक्षण शुल्क में समायोजित नहीं की जाएगी। रकम वापस करने के लिए अभ्यर्थियों से नौ जुलाई तक उनके बैैंक खाते का विवरण मांगा गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अभ्यर्थियों से कॉलेजों की फीस पता करने के बाद ही च्वाइस लॉक करने की सलाह दी है।

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