काशी और प्रयागराज कुंभ से प्रवासी भारतीय जानेंगे अपनी समृद्ध परंपरा

वाराणसी में 21 से 23 जनवरी तक आयोजित होने वाला प्रवासी भारतीय दिवस खास होगा। इस आयोजन में प्रवासी काशी और प्रयागराज के साथ दिल्ली घूमेंगे और गणतंत्र दिवस की परेड भी देखेंगे।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 03:36 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 03:43 PM (IST)
काशी और प्रयागराज कुंभ से प्रवासी भारतीय जानेंगे अपनी समृद्ध परंपरा
काशी और प्रयागराज कुंभ से प्रवासी भारतीय जानेंगे अपनी समृद्ध परंपरा

लखनऊ, जेएनएन। वाराणसी में 21 से 23 जनवरी तक आयोजित होने वाला प्रवासी भारतीय दिवस इस बार खास होगा। इस आयोजन में शामिल होने वाले प्रवासी दुनिया के प्राचीनतम शहर काशी और प्रयागराज के साथ दिल्ली घूमेंगे और गणतंत्र दिवस की परेड भी देखेंगे। काशी और कुंभ के जरिये वे अपनी समृद्ध परंपरा, संस्कृति और विविधता को देखेंगे, तो वहीं दिल्ली देश की तरक्की का गवाह बनेगी।

लखनऊ में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संयुक्त पत्रकारवार्ता कर प्रवासी भारतीय दिवस की तैयारियों के बारे में बताया। सुषमा ने कहा कि 2003 में जब इस आयोजन को मनाने के बारे में स्व. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से चर्चा हुई थी, तभी तय हुआ था कि अतिथियों के लिए संदेश यह होना चाहिए कि हम उनसे सिर्फ उनके अनुभवों का लाभ लेना चाहते हैं। इसीलिए बाद के वर्षों में आयोजन के अंतराल को साल भर से बढ़ाकर दो साल कर दिया गया। इस अंतराल में हम खास विषयों पर गोष्ठियां करते हैं, जिसमें निकले निचोड़ को प्रवासी दिवस में रखते हैं। उनकी ओर से आये सुझावों को संस्तुतियों के साथ अमल के लिए संबंधित विभागों में भेजते हैं। इस बार भी ऐसी आठ गोष्ठियां हुई हैं।

आयोजन प्रवासी भारतीयों के लिए खास 

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार का आयोजन प्रवासी भारतीयों के लिए खास होगा। अतिथियों में से कुछ काशी वासियों के घरों में ठहरेंगे। इस तरह देश की अतिथि देवो भव की परंपरा से भी परिचित होंगे। बाकी होटलों एवं स्विस कॉटेज में ठहरेंगे। स्वागत में जो सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे उनके केंद्र में भी देश की परंपरा और संस्कृति ही होगी। कुंभ में स्विस कॉटेज में ही उनके विश्राम की व्यवस्था है। अक्षय वट, सरस्वती कूप के साथ प्रयागराज के प्रमुख स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रवासी दिवस का उद्घाटन करेंगे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ मुख्य अतिथि होंगे। 23 को समापन सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे। वह उल्लेखनीय काम करने वाले 30 प्रवासी भारतीयों को सम्मानित करेंगे।

कुंभ के नाते बढ़ी तारीख

परंपरागत रूप से यह आयोजन नौ जनवरी को होता है। इसी तारीख को महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत आए थे। इस बार प्रवासियों की ओर से मांग थी कि वे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कुंभ को भी देखना चाहेंगे। लिहाजा कुंभ के आस-पास की तारीख रखी गई और प्रयागराज से पास होने के नाते आयोजन स्थल के रूप वाराणसी को चुना गया।

प्रवासी दिवस की खास बातें

पहला दिन (21 जनवरी) युवा प्रवासियों को समर्पित होगा। इस दिन के खास मेहमान होंगे न्यूजीलैंड के सांसद चरणजीत सिंह बख्शी और नार्वे के नेता हिमांशु गुलाठी। 21 जनवरी के दिन उप्र प्रवासी दिवस भी होगा। इसके लिए 1000 से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं। आयोजन के दौरान सात बड़े और 165 छोटे कार्यक्रम होंगे। 22 को हेमामालिनी की प्रस्तुती गंगावतरण नाटिका खास होगी। 24 को प्रवासी कुंभ स्नान के साथ प्रयागराज के प्रमुख स्थानों को देखेंगे। 24 को ही रात में प्रयागराज एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। 25 को दिल्ली घूमेंगे और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का परेड देखेंगे।

पाकिस्तान को आमंत्रण के बारे में सोच भी नहीं सकते

यह पूछे जाने पर कि क्या प्रवासी भारतीय दिवस में भारतीय मूल के पाकिस्तान के भी कुछ लोग आमंत्रित हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती है जब सीमा पर गोलियां चल रहीं हों तो इस बारे में सोचा भी नहीं सकता है।

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