खत्म हुआ वैक्सीन का संकट, केजीएमयू में अब तीन दिन होगा येलो फीवर का वैक्सीनेशन Lucknow News

लखनऊ जेएनएन। केजीएमयू में यलोफीवर वैक्सीन का संकट खत्म हो गया। यात्रियों का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। वहीं अब सप्ताह में दो दिन के बजाए तीन दिन वैक्सीन लगाई जाएंगी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 06 Jan 2020 11:47 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jan 2020 11:47 AM (IST)
खत्म हुआ वैक्सीन का संकट, केजीएमयू में अब तीन दिन होगा येलो फीवर का वैक्सीनेशन Lucknow News
खत्म हुआ वैक्सीन का संकट, केजीएमयू में अब तीन दिन होगा येलो फीवर का वैक्सीनेशन Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में येलो फीवर वैक्सीन का संकट खत्म हो गया। यात्रियों का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। वहीं, अब सप्ताह में दो दिन के बजाए तीन दिन वैक्सीन लगाई जाएंगी।

दरअसल, अफ्रीकी देशों में यात्र से पहले येलो फीवर का वैक्सीनेशन अनिवार्य होता है। इसके लिए देश में केजीएमयू समेत 44 सेंटर बनाए गए हैं। वहीं, केजीएमयू को यूपी के साथ-साथ उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, नेपाल का नोडल सेंटर नामित किया गया। यहां सोमवार व गुरुवार को येेलोफीवर का वैक्सीनेशन किया जाता है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में वैक्सीन खत्म होने से कार्य ठप हो गया था। वहीं, अब वैक्सीन की आपूर्ति हो गई है। गत गुरुवार को कुछ वैक्सीन लगाई गई थीं। एसपीएम विभाग के अध्यक्ष डॉ. जमाल मसूद के मुताबिक अब सोमवार से सेंटर सुचारू रूप से कार्य करेगा। सप्ताह में तीन दिन वैक्सीनेशन होगा। ऐसे में सोमवार, गुरुवार के साथ-साथ शनिवार को भी यात्री वैक्सीन सेंटर पर लगवा सकेंगे।

यहां यात्र से पहले वैक्सीन जरूरी : नाइजीरिया, इजिप्ट, साउथ अफ्रीका, अल्जीरिया, केन्या, इथोपिया, ट्यूनेशिया, घाना, सुडान, लीबिया, युगांडा समेत आदि अफ्रीकी देशों की यात्र से पहले संबंधित सेंटरों पर येलो फीवर का वैक्सीन लगवाना जरूरी है। सेंटर से जारी वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र दिखाने पर ही आपको इन देशों की यात्र करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। एयरपोर्ट पर यह चेक किया जाता है। ताकि यात्र कर रहें व्यक्ति को किसी प्रकार से यलो फीवर जैसी बीमारी के चपेट में न आ सकें।

ये है ‘येलो फीवर’

‘येलो फीवर’ (पीत ज्वर) की समस्या कर्क व मकर रेखाओं के बीच स्थित अफ्रीकी देशों में पाई जाती है। ‘येलो फीवर’ इन देशों में संक्रामक रोग माना जाता है, जो तीव्र गति से लोगों में फैलता है। इस रोग का कारण एक सूक्ष्म विषाणु है, जो कि ईडीस ईजिप्टिआइ मच्छर के काटने से होता है। इससे बचने के लिए सरकार ने इन देशों की यात्र से पहले वैक्सीनेशन अनिवार्य कर दिया है।

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