अब होमगार्ड के बराबर होगा पीआरडी जवानों का मानदेय

मानदेय 250 से बढ़ाकर 500 करने की तैयारी, प्रांतीय रक्षक दल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रस्ताव पर बनी सहमति।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 07 Jan 2019 11:16 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jan 2019 11:16 AM (IST)
अब होमगार्ड के बराबर होगा पीआरडी जवानों का मानदेय
अब होमगार्ड के बराबर होगा पीआरडी जवानों का मानदेय

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। होमगार्ड के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाले पीआरडी जवानों को समान मानदेय देने की तैयारी शुरू हो गई है। होमगार्ड जवानों का मानदेय पिछले वर्ष 250 से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया था। प्रांतीय रक्षक दल एवं युवा कल्याण विभाग ने होमगार्ड के बराबर मानदेय का प्रस्ताव बीते महीने शासन को भेजा था, जिस पर शासन ने सहमति जताई है। शासन की हरी झंडी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

होमगार्ड के बराबर मानदेय देने की मांग को लेकर पीआरडी जवानों ने 23 अक्टूबर को इको गार्डन में धरना दिया था। मानदेय बढ़ने से राजधानी समेत प्रदेश के 31176 जवानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। पीआरडी मानदेय कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राम नरेश यादव ने इस प्रस्ताव पर खुशी जताने के साथ ही जवानों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिए जाने की मांग की। कहा कि राजधानी समेत सभी मंडल स्तरीय जिलों में चौराहों पर 50-50 जवानों और अन्य जिलों में 25-25 जवानों की तैनाती की गई थी, लेकिन आगे का बजट न मिलने से उन्हें हटा लिया गया। चौराहों पर तैनात 2375 जवानों फिर से बेरोजगार हो गए हैं। विभाग को इस पर ध्यान देना चाहिए।

क्या कहते हैं निदेशक ?

प्रांतीय रक्षक दल एवं युवा कल्याण प्रभारी उप निदेशक सीपी सिंह का कहना है कि कप्रांतीय रक्षक दल के जवानों को प्रतिदिन मिलने वाले 250 रुपये मानदेय को बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव बीते महीने शासन को भेजा गया है। शासन की अनुमति मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। बजट के अभाव में चौराहों पर तैनात किए गए 2375 जवानों को हटा लिया गया है।

दिव्यांग होने पर पुलिसकर्मियों को मदद का शासनादेश जारी

कर्तव्य पालन के दौरान पुलिस विभाग और अग्निशमन सेवा के अधिकारियों व कर्मचारियों को मुठभेड़, आगजनी या घटना-दुर्घटना में दिव्यांग होने पर सहायता के रूप में अधिकतम 20 लाख रुपये तक की अनुग्रह राशि दी जाएगी। इसका शासनादेश जारी कर दिया गया है। पुलिसकर्मी के 50 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग होने पर ही सहायता मिलेगी। इसके लिए तीन श्रेणी निर्धारित की गई है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने रविवार को बताया कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

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