BKU: अब लखनऊ विकास प्राधिकरण से नाराज हुए भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी, जानिए क्‍या है मामला

BKU LDA Conflict लखनऊ विकास प्राधिकरण अपने सामुदायिक केंद्र को पहले बचा नहीं पाया पूरी तरह ध्वस्त होने के बाद उस पर कब्जा न हो उसके लिए स्थानीय थाने को पत्र लिखकर कहा है कि इस पर कब्जा न होने दे। एलडीए इसे बेचने की तैयारी कर रहा है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 11:17 AM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 02:49 PM (IST)
BKU: अब लखनऊ विकास प्राधिकरण से नाराज हुए भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी, जानिए क्‍या है मामला
किसानों ने जिस सामुदायिक केंद्र के लिए लाठी खाई, एलडीए ने नीलामी में लगाया।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण अपने सामुदायिक केंद्र को पहले बचा नहीं पाया, जब पूरी तरह से ध्वस्त हो गया तो उसे उस पर कब्जा न हो उसके लिए स्थानीय थाने को पत्र लिखकर कहा है कि इस पर कब्जा न होने दे। यही नहीं पूरे मामले में नया मोड आ गया है। लविप्रा ने आसपास के किसानों के लिए ग्राम समाज की जमीन पर यह सामुदायिक केंद्र वर्ष 2017 में बनवाया था। उस पर चालीस लाख रुपये खर्च किए थे, अब 456.60 वर्ग मीटर के भूखंड को एक करोड़ चौहत्तर लाख सत्तासी हजार से अधिक बोली लगाने वाले को बेचने की तैयारी है।

इस नए मोड़ से किसानों में उबाल आ गया है। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने इसे नाइंसाफी बताया है। किसानों का तर्क है कि जिस सामुदायिक केंद्र के लिए सालों संघर्ष किया और दो दिन पहले लाठी खायी, उस भूखंड को आखिर लविप्रा कैसे बेच सकता है। किसान लविप्रा उपाध्यक्ष से मिलकर नीलामी से हटाने और ध्वस्त सामुदायिक केंद्र को फिर से बनवाने की मांग रखेंगे।

लविप्रा अभियंता जिन्हें दो दिन पहले तक अपने सामुदायिक केंद्र के गिरने की चिंता नहीं थी, अब उनकी जवाबदेही दो दिन में लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी तय करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इस घोर लापरवाही में फील्ड कर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध है। अफसरों ने मौके से मिले वीडियो के आधार पर सामुदायिक केंद्र गिरा रहे लोगों के नाम पता करने के लिए स्थानीय फिल्ड कर्मियों को लगाया है। किसान भी इसमें उनकी मदद कर रहे हैं। उद्देश्य है कि पहचान होते ही ऐसे दबंगों का नाम एफआइआर में दर्ज कराया जा सके। इसके लिए जल्द ही लविप्रा अफसर मौके का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।

जानकीपुरम में भी किसानों के लिए बना है सामुदायिक केंद्र: किसानों के लिए लविप्रा ने जानकीपुरम में भी सामुदायिक केंद्र बनवा रखा है। किसानों का तर्क है लविप्रा साजिश कर रहा है। अगर लविप्रा तोदेंखेडा के सामुदायिक केंद्र को बेच देगा तो शुभ कार्य कराने के लिए किसानों को मोटी रकम खर्च करनी पड़ेगी। वर्तमान में यह सुविधा मुफ्त है। वहीं गोमती नगर विस्तार में भी एक सामुदायिक केंद्र किसानों के लिए बना है, लेकिन वह छूट का प्राविधान नहीं है, जिसके लिए किसान आज भी संघर्ष कर रहे हैं।

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