RTE: गरीब बच्‍चों का दाखिला न लेने पर 18 निजी स्कूलों को दिया नोटिस Lucknow News

लखनऊ में आरटीई के तहत बच्‍चों का दाखिला न लेने पर 18 निजी स्‍कूलों को दिया गया नोटिस।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 06 Aug 2019 11:32 AM (IST) Updated:Wed, 07 Aug 2019 07:48 AM (IST)
RTE: गरीब बच्‍चों का दाखिला न लेने पर 18 निजी स्कूलों को दिया नोटिस Lucknow News
RTE: गरीब बच्‍चों का दाखिला न लेने पर 18 निजी स्कूलों को दिया नोटिस Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत पात्र पाये गए दुर्बल आय वर्ग के एक भी बच्चे का 18 निजी स्कूलों ने दाखिला नहीं लिया। यह आलम तब है जब मुख्य विकास अधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बकायदा बैठक करके आरटीई के दायरे में आने वाले सभी स्कूलों की दाखिला न लेने पर मान्यता रद करने की चेतावनी जारी की थी। फिलहाल निजी स्कूलों ने उनकी चेतावनी को हल्के में लेकर ठेंगा दिखा दिया है। बीएसए डॉ. अमरकांत सिंह ने बताया कि सभी 18 स्कूलों को नोटिस जारी किया है, इसके बाद जल्द ही आगे की कार्रवाई भी की जाएगी।

दाखिला नहीं लेने वाले ये हैं स्कूल : टेंडर हार्ट स्कूल, लोयला इंटरनेशनल स्कूल, नवयुग रेडियन्स स्कूल, बाल विद्या मंदिर चारबाग, ब्लूमिंग फ्लावर, लखनऊ पब्लिक स्कूल, राजकुमार एकेडमी, सिटी मांटेसरी स्कूल, शिशु विद्या पीठ, लखनऊ मॉडल पब्लिक स्कूल, एक्जान मान्टेसरी स्कूल, हैमिलटन एकेडमी, सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल, ग्रीन वे पब्लिक स्कूल, ब्राइट लैंड इंटर कॉलेज, सेंट जोसेफ स्कूल, न्यू पब्लिक स्कूल व ब्राइट वे पब्लिक स्कूल डालीगंज द्वारा आरटीई के तहत दाखिले की प्रक्रिया में सहयोग नहीं किया जा रहा है।

आरटीई के 807 और बच्चों को देना होगा दाखिला : आरटीई के तहत दुर्बल आय वर्ग के बच्चों के दाखिले की तीसरी लॉटरी भी सोमवार को जारी हो गई है। इसके तहत राजधानी के विभिन्न निजी विद्यालयों को 807 बच्चों के और दाखिले लेने होंगे। अभी भी 2900 बच्चों के दाखिले नहीं हुए हैं। ऐसे में 807 बच्चों का भविष्य भी दांव पर है। उन्हें निजी स्कूल दाखिला देंगे भी या नहीं। पूर्व की सूची जारी होने के बावजूद जब अभिभावक स्कूलों में पता लगाने गए तो उन्हें बताया गया कि सूची में उनके बच्चों के नाम ही नहीं। जबकि बीएसए ऑफिस से जारी लिस्ट में उनका नाम था। पूर्व की सूची में शामिल बच्चों के अभिभावक पिछले चार महीने से स्कूलों से लेकर बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।

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