लखनऊ में मुख्तार अंसारी के करीबियों की गुंडई, व्यापारी को गन प्वाइंट पर बंधक बनाकर चेन-अंगूठी लूटी
पीड़ित का आरोप है कि हमलावरों के कक्ष में कैमरा लगा था जिसकी वीआर गायब कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों से शिकायत के बाद सुनवाई न होने पर एक केंद्रीय मंत्री से न्याय की गुहार की। केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप पर कमिश्नर ने एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
लखनऊ, जेएनएन। बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी के करीबियों ने बीते रात हजरतगंज हलवासिया मार्केट में किराएदार व्यापारी सुबोध बाजपेयी को गन प्वाइंट पर बंधक बना लिया। उसे जमकर पीटा इसके बाद पांच लाख रुपये, चेन और अंगूठी लूट ली। पीड़ित तहरीर लेकर कोतवाली पहुंचा तो पुलिस ने टरका दिया। इसके बाद एक केंद्रीय मंत्री ने मामले जानकारी पुलिस कमिश्नर को दी। कमिश्नर के आदेश पर रविवार रात पांच नामजद और सात अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।
पीड़ित सुबोध द्वारा हजरतगंज कोतवाली में दी गई तहरीर में कहा गया कि वह हजरतगंज में फोटोग्राफी का व्यवसाय करते थे। बीते साल कोविड-19 संक्रमण के चलते उन्हें व्यवसाय में घाटा हो गया। इसके बाद व्यवसाय बंद कर उन्होंने अपना सारा सामान भवन स्वामी के हलवासिया कोर्ट स्थित चौथे तल पर छोड़ दिया और कुछ तीन माह बाद सामान ले जाने की बात कहकर दिल्ली चले गए। इस पर भवन स्वामी की पत्नी दीप शिखा यादव और उनकी बेटी तैयार हो गई। फिर सारा सामान छोड़कर वह दिल्ली चले गए। तीन माह बाद लौटे तो जहां पर सामान रखा था वहां कक्ष में मकान मालिक ने अपना ताला जड़ दिया। उन्होंने बिजली के बिल और मेंटेनेंस शुल्क का भुगतान कर सामान ले जाने की बात कही। इसके बाद सुबोध फिर दिल्ली चले गए।
वर्ष 2021 में हाल में ही उन्हें पता चला कि मकान मालिक ने उनका सारा सामान 25 लाख रुपये में किसी को बेच दिया है। इस पर उन्होंने राहुल गर्ग से बात की। राहुल ने उन्हें बात करने के लिए लखनऊ बुलाया। सुबोध ने बताया कि वह अपने चालक के साथ पहुंचे। वहां, राहुल गर्ग, जैन अंसारी उर्फ सद्दंन, इमरान, कृष्मा सिंह और अश्वनी मिश्रा ने गन प्वाइंट पर बंधक बना लिया और लात घूसों से जमकर पीटा। उक्त लोगों ने जेब में पड़े पांच लाख रुपये, दो सोने की चेन, तीन अंगूठी लूट ली। खुद को मुख्तार का करीबी बताते हुए धमकी दी। पुलिस में शिकायत करने पर ऊंची पहुंच का हलावा देते हुए जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित का आरोप है कि दीपशिखा यादव और असावरी ने उनके व्यवसाय से जुड़ा डाटा भी चोरी कर बेच दिया। पीड़ित सुबोध ने बताया कि वह तहरीर लेकर हजरतगंज कोतवाली पहुंचे तो पुलिस ने टरका दिया।
आरोप है कि हमलावरों के कक्ष में कैमरा भी लगा था। पर घटना के बाद उन्होंने उसकी डीवीआर गायब कर दी। इसके बाद पुलिस अधिकारियों से शिकायत की फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद एक केंद्रीय मंत्री से न्याय की गुहार की। केंद्रीय मंत्री के हस्तक्षेप पर कमिश्नर ने निर्देश दिए जिसके बाद हजरतगंज कोतवाली में राहुल गर्ग, जैन अंसारी, इमरान, कृष्णा और अश्वनी के अलावा सात अज्ञात के खिलाफ डकैती का मुकदमा दर्ज किया गया। इंस्पेक्टर हजरतगंज श्यामबाबू शुक्ला ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। वहीं, आरोपितों की तलाश भी की जा रही है।