मेरठ की छात्रा ने सीतापुर शिक्षण संस्थान के आवास में फांसी लगाकर दी जान, बुआ- फूफा हैरान

सीतापुर शिक्षण संस्थान के आवासीय कैंपस के आवास में 18 साल की बी-फार्मा की छात्रा ने लगाई फांसी। प्रारंभिक उपचार के दौरान ही ब्रॉड डेड घोषित। मृतका के फूफा कॉलेज डीन। डीन की सिफारिश पर मिला था छात्रा को प्रवेश। फूफा के साथ ही रहती थी छात्रा।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 11:59 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 11:59 PM (IST)
मेरठ की छात्रा ने सीतापुर शिक्षण संस्थान के आवास में फांसी लगाकर दी जान, बुआ- फूफा हैरान
सीतापुर शिक्षण संस्थान में छात्रा ने लगाई फांसी। डीन की सिफारिश पर मिला था छात्रा को प्रवेश।

सीतापुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के सीतापुर शिक्षण संस्थान के आवासीय कैंपस के आवास में बुधवार को एक बी-फार्मा की छात्रा ने फांसी लगा ली। छात्रा के फूफा और बुआ उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल इमरजेंसी लेकर दौड़े। जहां डॉक्टरों ने प्रारंभिक उपचार के दौरान ही उसे ब्रॉड डेड घोषित कर दिया।

दरअसल, मेरठ की रहने वाली 18 वर्षीय छात्रा सीतापुर शिक्षण संस्थान से बी फार्मा कर रही थी। वह प्रथम वर्ष में थी। बताया जा रहा है कि इस संस्थान के डीन छात्रा के फूफा भी हैं। वह इंजीनियरिंग का काम देखते हैं। बरेली निवासी फूफा और बुआ ही छात्रा को लेकर करीब बुधवार रात 9.10 बजे जिला अस्पताल के इमरजेंसी लेकर पहुंचे थे। शुरुआती जांच में छात्रा के शव में फांसी की पुष्टि हुई है। इस मामले में रिश्तेदारों ने भी कोई खास जानकारी नहीं दी है। वहीं, शिक्षण संस्थान रजिस्ट्रार मनोज शर्मा का कहना है कि छात्रा के फूफा उसे मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसलिए उन्हें भी बहुत कुछ मामले में जानकारी नहीं है। 

डीन की सिफारिश पर मिला था छात्रा को प्रवेश: रजिस्ट्रार मनोज शर्मा ने बताया कि छात्रा के फूफा कॉलेज से वर्ष 2006 से जुड़े हैं। इसलिए उनकी विश्वसनीयता में कोई कमी नहीं थी। कुछ समय पहले ही उन्‍होंने अपनी भतीजी के प्रवेश के लिए कॉलेज प्रशासन से बात की थी। इन्हीं की सिफारिश पर छात्रा को बी-फार्मा प्रथम वर्ष में प्रवेश मिला था। 

कॉलेज के डीन व रिश्‍ते में फूफा के साथ रहती थी छात्रा: रजिस्ट्रार ने यह भी बताया कि शिक्षण संस्थान के आवासीय कैंपस में डीन को दो आवास आवंटित कर रखे गए हैं, क्योंकि उनके आवास पर रिश्तेदारों का आवागमन अधिक रहता था। इसलिए उनकी मांग पर ही कालेज प्रशासन ने दो आवास आवंटित किए थे। हालांकि, इसमें जिस आवास में डीन व उनकी पत्नी रहती हैं, उसी आवास में छात्रा भी उनके साथ रहती थी। उधर, इस मामले में रामकोट थानाध्यक्ष संजीत सोनकर से उनके मोबाइल पर संपर्क न हो पाने पर उनका पक्ष नहीं जाना जा सका है।

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