लखनऊ की होप इनीशिएटिव संस्था सेहत की जांच संग पढ़ा रहे स्वच्छता का पाठ

स्कूल, कॉलेज व गांवों में कैंप लगाए जाते हैं। लोगों की सेहत की जांच कराने के साथ ही उन्हें स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है।

By Krishan KumarEdited By: Publish:Sun, 16 Sep 2018 06:00 AM (IST) Updated:Sun, 16 Sep 2018 06:00 AM (IST)
 लखनऊ की होप इनीशिएटिव संस्था सेहत की जांच संग पढ़ा रहे स्वच्छता का पाठ

स्वच्छता का सीधा संबंध सेहत से होता है। यह बात लोग जानते हैं, फिर भी सफाई के प्रति बेपरवाह होते हैं। यह बेपरवाही उनकी जान पर भारी न पड़ जाए, इसलिए होप इनीशिएटिव संस्था लोगों को जागरूक कर रही है। संस्था की ओर से स्कूल, कॉलेज व गांवों में कैंप लगाए जाते हैं। लोगों की सेहत की जांच कराने के साथ ही उन्हें स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है।

लखनऊ में वर्ष 2004 से यह अभियान चलाया जा रहा है। संस्था की कोशिश है कि हर व्यक्ति स्वच्छता के प्रति जागरूक और सेहतमंद बने। होप (हेल्थ ओरिएंटेड प्रोग्राम एंड एजुकेशन) इनीशिएटिव की स्थापना वर्ष 2004 में सेवानिवृत्त अध्यक्ष गैस्ट्रोलॉजी विभाग पीजीआई डॉ. जी. चौधरी ने की थी। खुद चिकित्सक होने के कारण डॉ. चौधरी दूसरों की सेहत के प्रति भी फिक्रमंद रहे। उनके पास इलाज के लिए आने वाले मरीजों में पेट रोगियों की तादात काफी होती थी। जांच में उन्हें पता चला कि उदर संबंधी अधिकांश बीमारियां अस्वच्छता के कारण हो रही हैं। सेहत के प्रति सजग रहने वाले डॉ. चौधरी ने उसी दौरान ही तय कर लिया कि सेवानिवृत्ति के बाद वह लोगों को स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की मुहिम शुरू करेंगे। इसी सोच के साथ उन्होंने 2004 में संस्था का गठन कराया। तब से स्कूल, कॉलेज, नर्सिंग इंस्टीट्यूट के साथ ही गांवों में हेल्थ अवेयरनेस हेल्थ अवेयरनेस प्रोग्राम चला रहे हैं।


30 हजार लोगों की कराई हेपेटाइटिस की जांच
संस्था के प्रोग्राम हेड राजेश ओझा बताते हैं कि 14 वर्षों से स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान जारी है। अब तक शहर समेत ग्रामीण इलाकों के 30 हजार लोगों की हेपेटाइटिस-बी की जांच कराई गई। लोगों में हेपेटाइटिस-बी न हो इसके लिए वर्ष 2008 में वैक्सीनेशन का अभियान भी शुरू किया। अब तक 15 हजार लोगों का निशुल्क वैक्सीनेशन करा चुके हैं। एक व्यक्ति को छह महीने में तीन बार वैक्सीन लगाई जाती है। प्रोग्राम हेड का दावा है कि यह वैक्सीन लगाने के बाद संबंधित व्यक्ति को हेपेटाइटिस-बी होने
की 98 फीसद तक संभावना कम हो जाती है।

18 हजार शिक्षकों को किया प्रशिक्षित
संस्था की ओर से वर्ष 2012 से सरकारी स्कूलों में टीचरों की ट्रेनिंग के प्रोग्राम भी आयोजित किए जा रहे हैं। अब तक लखनऊ समेत विभिन्न जिलों के 18 हजार शिक्षकों को स्वच्छता के साथ मच्छर जनित रोग, हेपेटाइटिस-बी, मानसिक तनाव से बचाव का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके इतर छात्र-छात्राओं को गुड टच, बैड टच, ट्रैफिक रूल, ग्लोबल वॉर्मिंग आदि की जानकारी दी जाती हैं।

संस्था के अन्य प्रमुख कार्य
वर्ष 2014 में हम और स्वास्थ्य पुस्तक का प्रकाशन कराया। इस पुस्तक की 12 हजार प्रतियां बच्चों व शिक्षकों को निषशुल्क बांटीं। ये किताब गुजराती, बंगाली, तमिल,हिन्दी, अंग्रेजी सहित छह भाषाओं में प्रकाशित है।

स्कूलों में सफाई व स्वास्थ्य जागरूकता के लिए पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के साथ शॉर्ट मूवी दिखाते हैं। खेल-खेल में स्वास्थ्य की जानकारी देने के साथ ही इसके लिए पेंटिंग, क्विज आदि प्रतियोगिता भी कराते हैं।

हेल्थ अवेयरनेस के लिए हर वर्ष स्वास्थ्य मेला लगाते हैं। जुलाई में पर्यटन भवन में आयोजित स्वास्थ्य मेले में 25 स्कूलों के बच्चों ने प्रतिभाग किया था। उन्हें विभिन्न प्रतियोगिताओं के जरिए जागरूक किया गया।

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