लखनऊ विश्वविद्यालय मिल मालिकों को सिखाएगा फोरर्टीफाइड चावल बनाने की तकनीक, 60 जिलों में शुरू होगी योजना

Lucknow University फोर्टीपाइड राइस का वजम कम और न्यूट्रीशनल वैल्यू अधिक होती है। हम विशेषज्ञों के माध्यम से राइस मिल संचालकों को इसे तैयार करने की ट्रेनिंग देंगे ताकि वह अधिक से अधिक फोर्टीफाइड राइस तैयार कर सकें।

By Jagranv NewsEdited By: Publish:Fri, 30 Sep 2022 01:22 PM (IST) Updated:Fri, 30 Sep 2022 01:22 PM (IST)
लखनऊ विश्वविद्यालय मिल मालिकों को सिखाएगा फोरर्टीफाइड चावल बनाने की तकनीक, 60 जिलों में शुरू होगी योजना
यूनाइटेड नेशंस की वर्ल्ड फूड आर्गेनाइजेशन के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय करेगा एमओयू

लखनऊ, [अखिले सक्सेना]। लखनऊ विश्वविद्यालय अब राइस मिल संचालकों को धान से फोर्टीफाइड राइस तैयार करने की ट्रेनिंग देगा। उन्हें इस चावल के फायदे भी बताए जाएंगे। इसके लिए यूनाइटेड नेशंस की वर्ल्ड फूड आर्गेनाइजेशन के साथ जल्द ही विश्वविद्यालय एक एमओयू साइन किया जाएगा। खास बात यह है कि यह तकनीक सिखाने के लिए विश्वविद्यालय अपने यहां एक मिनी राइस मिल भी लगाएगा। साथ ही फोर्टीफाइड राइस को लेकर पालिसी बनाने में भी मदद करेगा।

दरअसल, लवि के ओएनजीसी सेंटर में इंस्टीट्यूट आफ फूड प्रोसेसिंग एंड टेक्नोलाजी स्थापित है। यहां फूड को लेकर काफी शोध कार्य होते हैं। अब संस्थान मिल संचालकों को फोर्टीफिकेशन (चावल में प्रोटीन को शामिल करना) की तकनीक सिखाएगा। इसके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू किए जाएंगे।

ट्रेनिंग के लिए लगेगी मिनी राइस मिल: विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि फोर्टीपाइड राइस का वजम कम और न्यूट्रीशनल वैल्यू अधिक होती है। हम विशेषज्ञों के माध्यम से राइस मिल संचालकों को इसे तैयार करने की ट्रेनिंग देंगे, ताकि वह अधिक से अधिक फोर्टीफाइड राइस तैयार कर सकें। उन्हें प्रैक्टिकल करके भी दिखाया जाएगा। मिल संचालकों से लेकर गांव में लोगों को फोर्टीफाइड राइस के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाएंगे। इसमें इंस्टीट्यूट आफ फूड प्रोसेसिंग एंड टेक्नोलाजी, समाज कार्य विभाग से लेकर कालेज सहयोग करेंगे।

फोर्टीफाइड राइस के फायदे : फोर्टीफाइड राइस कई पोषक तत्वों से युक्त होता है। कई जगह राइस मिलों में इसे विशेष तौर पर तैयार किया जाता है। इसमें आयरन, विटामिन बी-12, फोलिक एसिड जैसे कई पोषक तत्वों की कोटिंग करके बनाते हैं, जिसकी वजह से इसमें न्यूट्रीशनल वैल्यू भी अधिक हो जाती है। इसे खाने से बच्चों में कुपोषण भी समस्या दूर हो जाएगी। गौरतलब है कि आंगनबाड़ी केंद्रों एवं मिड डे मील में भी फोर्टीफाइड चावल वितरण की तैयारी है।

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