लोकसभा में साथ-साथ लेकिन विधानसभा उपचुनाव में आमने-सामने होगी सपा-कांग्रेस, इतिहास दोहराने की राह पर दोनों पार्टियां

लोकसभा चुनाव में एक दूसरे के लिए वोट मांगने वाले सपा और कांग्रेस कार्यकर्ता लखनऊ पूर्वी के उपचुनाव में आमने-सामने होंगे। कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित करने से नाराज सपा का महानगर संगठन बुधवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर लखनऊ पूर्वी सीट पर अपना दावा ठोंकेगा।अखिलेश यादव के वापस लौटने पर उनसे मुलाकात कर लखनऊ पूर्वी को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी।

By Nishant Yadav Edited By: Nitesh Srivastava Publish:Tue, 16 Apr 2024 08:11 PM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2024 08:11 PM (IST)
लोकसभा में साथ-साथ लेकिन विधानसभा उपचुनाव में आमने-सामने होगी सपा-कांग्रेस, इतिहास दोहराने की राह पर दोनों पार्टियां
लोकसभा में साथ-साथ लेकिन विधानसभा उपचुनाव में आमने-सामने होगी सपा-कांग्रेस

निशांत यादव/जागरण संवाददाता, लखनऊ। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन होने के बावजूद लखनऊ मध्य सीट पर एक दूसरे के खिलाफ लड़ने वाली सपा और कांग्रेस इस उपचुनाव में भी इतिहास दोहराने जा रही है। तब लखनऊ मध्य से सपा के रविदास मेहरोत्रा के सामने कांग्रेस के मारूफ खान ने चुनाव लड़ा था। 

इस बार लखनऊ पूर्वी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के मुकेश सिंह चौहान के सामने सपा भी अपना उम्मीदवार उतार सकती है। हालांकि इसी सीट से वर्ष 2017 में सपा के अनुराग भदौरिया को गठबंधन होने के कारण कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतारा गया था।

लोकसभा चुनाव में एक दूसरे के लिए वोट मांगने वाले सपा और कांग्रेस कार्यकर्ता लखनऊ पूर्वी के उपचुनाव में आमने-सामने होंगे। कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित करने से नाराज सपा का महानगर संगठन बुधवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर लखनऊ पूर्वी सीट पर अपना दावा ठोंकेगा।

दरअसल सपा का महानगर संगठन वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर लखनऊ पूर्वी सीट से अपना दावा कर रहा है। वर्ष 2022 में इस सीट से भाजपा के आशुतोष टंडन 152928 लाख वोट पाकर विजयी हुए थे।

सपा के अनुराग भदौरिया 84192 वोट पाकर दूसरे और कांग्रेस के मनोज तिवारी 4485 वोट पाकर चौथे स्थान पर थे। भाजपा को 59.4 प्रतिशत, सपा को 32.7 और कांग्रेस को 1.74 प्रतिशत वोट मिले थे।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों लखनऊ पूर्वी के संभावित प्रत्याशियों की सूची महानगर संगठन से मांगी थी। इसके बाद उन्होंने अनुराग भदौरिया, जूही सिंह, डा. आशुतोष वर्मा, प्रदीप सिंह बब्बू, कांग्रेस छोड़कर सपा में आए रमेश श्रीवास्तव सहित कुल सात आवेदकों से चर्चा भी की थी।

डा. आशुतोष वर्मा ने लखनऊ पूर्वी में रहने वाले सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारियों और डाक्टरों के एक समूह से अखिलेश यादव की मुलाकात भी करायी थी। अब कांग्रेस की ओर से मुकेश सिंह चौहान को लखनऊ पूर्वी विधानसभा का प्रत्याशी घोषित किया है तो सपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों को इस पर हैरानी नहीं है।

सपा के महानगर अध्यक्ष फाखिर सिद्दीकी बताते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ किया है कि उनका गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए हुआ है। विधानसभा उपचुनाव में दोनों ही पार्टियां अलग-अलग लड़ेंगी। बुधवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के वापस लौटने पर उनसे मुलाकात कर लखनऊ पूर्वी को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी।

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