भांगड़ा-गिद्दा संग दिखी लोहड़ी की मस्ती, जली आग तो ढोल ताशे पर थिरके कदम Lucknow news
उल्लास के पर्व पर गुरुद्वारों में भी विशेष दीवान सजाया गया। सिख समाज के लोगों ने अग्नि की परिक्रमा की और पारंपरिक गीत गाए।
लखनऊ, जेएनएन। सजी-धजी महिलाएं, ढोल ताशे पर भांगड़ा-गिद्दा की मस्ती करते युवाओं की टोलियां, फिजा में घुलती छोले भटूरे के साथ मक्के की रोटी व सरसों के साग की खुशबू। कुछ ऐसा ही माहौल सोमवार को राजधानी के हर हिस्से में नजर आया। सुंदरिए मुंदरिए तेरा कौन विचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो... जैसे पारंपरिक गीत के साथ लोहड़ी के उल्लास का नजारा राजधानी में हर तरफ नजर आ रहा था। शाम ढलने के साथ ही मस्ती का नजारा आम हो रहा था। क्लबों में परंपरागत लोहड़ी के साथ होटलों में भी लोहड़ी की मस्ती देखते ही बन रही थी। आग जली तो लावा, मखाना, तिल व रेवड़ी के साथ सिख समाज के लोगों ने अग्नि की परिक्रमा की और पारंपरिक गीत गाए।
गुरुद्वारों में सजा दीवान
उल्लास के पर्व पर गुरुद्वारों में भी विशेष दीवान सजाया गया। गुरुद्वारा नाका हिंडोला में विशेष दीवान के साथ आग की परिक्रमा की गई। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने सभी को लोहड़ी की बधाई दी और अलग से प्रसाद वितरण कराया। गुरुद्वारा इंदिरानगर में हरपाल सिंह सलूजा व त्रिलोचन सिंह की मौजूदगी में हुए आयोजन में जसवंत सिंह समेत सिख समाज के लोग मौजूद थे।
गुरुद्वारा मानसरोवर कानपुर रोड पर गुरुद्वारे के अध्यक्ष संपूर्ण सिंह बग्गा ने सभी को एकता के इस पर्व की बधाई दी और युवाओं का आह्वान किया कि सभी अपनी परंपराओं को बनाए रखें। गुरुद्वारा यहियागंज के सचिव मनमोहन सिंह ने बताया कि विशेष दीवान के साथ देर शाम लोहड़ी का आयोजन किया गया। छत के ऊपर लोहड़ी जलाई गई। गुरुद्वारा पटेलनगर के राजिंदर सिंह बग्गा 'लकी' की ओर से विशेष आयोजन किया गया। आशियाना व आलमबाग गुरुद्वारे के सामने विशेष आयोजन हुआ।
यहां खास रही लोहड़ी
गुरुद्वारा रोड नाका हिंडोला निवासी सतपाल सिंह मीत के घर बेटे अमनप्रीत व बहू नवनीत कौर के साथ नई शादी की लोहड़ी खास रही। नानी जसवंत कौर रवनीत कौर, गगनदीप और भाई ब्रियांस के की मौजूदगी में लोहड़ी मनाई गई। आलमबाग के पटेलनगर निवासी राजिंदर सिंह बग्गा (लकी) अपने भांजे की शादी की पहली लोहड़ी पर मस्ती करते नजर आए। जस्सी साहनी सम्मी, तनसीन और अगम और परिवार के सदस्यों के साथ कृष्णानगर में लोहड़ी जली तो पंजाबी गीतों की बहार आ गई। सभी ने एक दूसरे को बधाई दी।