यूपी में विधान परिषद चुनाव : राजनीतिक दलों के दखल से बढ़ी शिक्षक राजनीति में बेचैनी

यूपी में विधान परिषद चुनाव शिक्षक कोटे की जिन छह सीटों पर चुनाव होने वाले हैं उन पर प्रमुख राजनीतिक दलों की जोरदार एंट्री से मुकाबले दिलचस्प होने की उम्मीद बढ़ी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 24 Feb 2020 09:57 AM (IST) Updated:Mon, 24 Feb 2020 09:58 AM (IST)
यूपी में विधान परिषद चुनाव : राजनीतिक दलों के दखल से बढ़ी शिक्षक राजनीति में बेचैनी
यूपी में विधान परिषद चुनाव : राजनीतिक दलों के दखल से बढ़ी शिक्षक राजनीति में बेचैनी

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान परिषद चुनाव में राजनीतिक दलों की सक्रियता से शिक्षक संघ राजनीति में बेचैनी बढ़ी है। शिक्षक कोटे की जिन छह सीटों पर चुनाव होने वाले हैं, उसमें से तीन शर्मा गुट के कब्जे में है। वहीं एक चंदेल, एक सपा और एक वित्तविहीन रामवीर गुट के कब्जे में है। शर्मा गुट के कब्जे वाली सीटों में मेरठ, आगरा व गोरखपुर शामिल हैं और चंदेल गुट का वाराणसी पर कब्जा है। बरेली में सपा और लखनऊ में वित्तविहीन गुट जीता था। हालांकि लखनऊ के एलएलसी उमेश द्विवेदी अब समर्थकों सहित भाजपा में शामिल हो चुके हैं। 

शिक्षक कोटे की इन छह सीटों पर पिछले चुनाव में वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों ने उलटफेर किया था। उसी तरह इस बार प्रमुख राजनीतिक दलों की जोरदार एंट्री से मुकाबले दिलचस्प होने की उम्मीद बढ़ी है। बहुजन समाज पार्टी को छोड़ सभी प्रमुख दलों ने उम्मीदवार घोषित कर चुनावी तैयारी तेज कर दी है। भाजपा पहली बार विधान परिषद के चुनाव में करो या मरो जैसे अंदाज में उतर रही है। वोटर बनाने से लेकर मतदाता सूची तैयार कराने में भाजपा अभियान की तरह जुटी है। सपा और कांग्रेस भी भाजपा को एकतरफा बढ़त नहीं देना चाहती हैं। सपा में चुनाव की कमान प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव संभाले हैं तो कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के लिए यह पहली चुनावी परीक्षा होगी।

लगभग 40 हजार वोटों वाले मेरठ सहारनपुर क्षेत्र में आठ बार के एमएलसी व शर्मा गुुट के संस्थापक ओमप्रकाश शर्मा के लिए सीट पर कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है। यहां ठकुराई गुट के डा. उमेश त्यागी, चंदेल गुट के स्वराज दुहण, भाजपा से श्रीचंद शर्मा, वित्तविहीन संघ के रजनीश चौहान और राजपाल त्यागी व राजेंद्र जांगड़ा तैयारी में जुटे हैं।

करीब 35 हजार वोटों वाले बरेली क्षेत्र में मौजूदा समाजवादी पार्टी के एमएलसी संजय मिश्र को पुराना प्रदर्शन दोहराने से रोकने के लिए शर्मा गुट से सुभाष शर्मा, चंदेल गुट के रामबाबू शास्त्री, कांग्रेस से मेहंदी हसन व भाजपा से हरी सिंह ढिल्लो मैदान में हैं।

करीब 29 हजार वोटों वाले लखनऊ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में निर्दल एमएलसी उमेश द्विवेदी इस बार भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में होंगे। उनको चुनौती देने के लिए शर्मा गुट से आरपी मिश्रा और चंदेल गुट के डा. महेंद्रनाथ राय, सपा से उमाशंकर पटेल, पांडेय गुट के शाह आलम, सोहनलाल वर्मा, हवलदार यादव व ब्रजेश तिवारी जोर आजमाइश में लगे हैं।

करीब 34 हजार वोटों वाले वाराणसी क्षेत्र में चंदेल गुट के एमएलसी चेतनारायण सिंह को चुनौती देने के लिए शर्मा गुट के प्रमोद मिश्र, पांडेय गुट के जितेंद्र सिंह, वित्तविहीन संघ के लालबिहारी यादव, राठौर गुट के बालकृष्ण यादव, वित्तविहीन से राजेंद्र सिंह डटे हुए हैं।

गोरखपुर में शर्मा गुट के एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी, कांग्रेस के नागेंद्र त्रिपाठी, वित्तविहीन संघ के देश बंधु शुक्ला, पांडेय गुट के रामजन्म सिंह व चंदेल गुट के नरेेंद्र सिंह मैदान में हैं। आगरा क्षेत्र में शर्मा गुट के एमएलसी जगवीर किशोर जैन को भाजपा के दिनेश वशिष्ठ, सपा के हवेंद्र सिंह, वित्त विहीन के आकाश अग्रवाल, पांडेय गुट के भोजराज शर्मा व गुमान सिंह यादव से चुनौती मिल रही है।

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