सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले भाकियू के नेता, कृषि विधेयकों के खिलाफ 25 के चक्का जाम पर अड़े

न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में सभी फसलों को लाने फसल खरीद कानून बनाने और किसान आंदोलनों में दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग को लेकर बुधवार को राकेश टिकैत के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 01:01 PM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 01:22 PM (IST)
सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले भाकियू के नेता, कृषि विधेयकों के खिलाफ 25 के चक्का जाम पर अड़े
राकेश टिकैत के नेतृत्व में भाकियू के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।

लखनऊ, जेएनएन। केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों की ओर से किए जा रहा संघर्ष और तेज हो चला है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के दायरे में सभी फसलों को लाने, फसल खरीद कानून बनाने और किसान आंदोलनों में किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग को लेकर बुधवार को राकेश टिकैत के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। सीएम योगी ने किसान नेताओं को उनकी समस्याओं के हल का आश्वासन दिया है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान किसानों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा के अलावा कृषि विधेयकों की वापसी का मुद्दा भी उठा। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि नए सत्र की शुरुआत से पहले किसानों का गन्ना भुगतान कराया जाएगा। परियोजनाओं के निर्माण में अधिग्रहीत जमीन पर कब्जा लेने के लिए फसल काटने हेतु किसानों को पर्याप्त समय दिया जाएगा।

सीएम योगी से वार्ता के बाद भारतीय किसान यूनियन नेताओं ने 25 सितंबर को चक्का जाम के फैसले पर कायम रहने की बात कही। राकेश टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन यूपी में एमएसपी के नीचे फसल बिकने नहीं देगी। हालांकि अन्य समस्याओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर हर आश्वासन मिला है।

बैठक के बाद राकेश टिकैत ने बताया कि सीएम योगी ने आदित्यनाथ भारतीय किसान यूनियन को आश्वासन दिया है कि यूपी में एमएसपी के नीचे प्राइवेट मंडियां खरीद नहीं करेंगी। इसके अलावा विकास कार्यों के लिए चल रहे प्रदेश भर में जमीन अधिग्रहण में आने वाले खेत में अगर फसलें हैं तो उन्हें उजाड़ा नहीं जाएगा। सीएम ने आश्वासन दिया है कि बिजली और पानी से जुड़ी किसानों की समस्याओं का भी समाधान किया जाएगा।

बता दें कि भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) कार्यकर्ताओं ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के जिला केंद्रों पर प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा था। इस दौरान कृषि विधेयक वापस लेने के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में सभी फसलों को लाने और फसल खरीद कानून बनाने की मांग की थी। मांग पूरी न होने पर 25 सितंबर को चक्का जाम करने का एलान किया।

बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बहुमत के नशे में किसान हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। अन्नदाता से जुड़े तीन कृषि विधेयकों को पारित करते समय न तो कोई चर्चा की और न ही इस पर किसी सांसद को सवाल करने का अधिकार दिया गया। यह भारत के लोकतन्त्र के अध्याय में काला दिन है।

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