बाराबंकी कलेक्ट्रेट के सामने किसान फांसी के फंदे पर झूला

बाराबंकी कलेक्ट्रेट के सामने सागौन के पेड़ पर आज सुबह एक किसान का फांसी के फंदे पर झूलता शव देखकर हड़कंप मच गया। पुलिस ने शव को पेड़ से उतारा। जेब से मिले आधारकार्ड से उसकी पहचान हैदरगढ़ क्षेत्र के पूरे भुलभुलिया सरेरावत मजरे दतौली निवासी किसान 35 वर्षीय आसाराम

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sun, 26 Apr 2015 07:36 PM (IST) Updated:Sun, 26 Apr 2015 07:39 PM (IST)
बाराबंकी कलेक्ट्रेट के सामने किसान फांसी के फंदे पर झूला

लखनऊ। बाराबंकी कलेक्ट्रेट के सामने सागौन के पेड़ पर आज सुबह एक किसान का फांसी के फंदे पर झूलता शव देखकर हड़कंप मच गया। पुलिस ने शव को पेड़ से उतारा। जेब से मिले आधारकार्ड से उसकी पहचान हैदरगढ़ क्षेत्र के पूरे भुलभुलिया सरेरावत मजरे दतौली निवासी किसान 35 वर्षीय आसाराम गौतम के रूप में हुई। किसान की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला जिसमें पत्नी से आत्महत्या के लिए मांगी माफी और दो लोगों पर जमीन का बैनामा करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया। मौके पर पहुंचे डीएम ने मामले की जांच के लिए एसडीएम हैदरगढ़ व अन्य मातहतों को निर्देशित किया।

बाराबंकी कलेक्ट्रेट में सुबह सफाई कराने वाले सफाई नायक संतोष कुमार ने सुबह पांच बजकर 40 मिनट पर शव को पेड़ से लटका होने की सूचना पुलिस को दी। संतोष की सूचना पर पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम हाउस में आए मृतक के साले राकेश निवासी ग्राम कोटवा ने बताया कि आशाराम के पिता स्व. प्यारेलाल गौतम गांव के पूर्व प्रधान रह चुके हैं। वर्ष 2009 से मार्च 2012 तक नगर पंचायत सुबेहा में आशाराम ने संविदा पर सफाईकर्मी की नौकरी की। पिता की चार वर्ष पूर्व मौत हो गई। ऐसे में अकेले होने के कारण आशाराम ने नौकरी छोड़ दी थी और खेती करने लगा। राकेश ने बताया कि पक्का आठ बीघे पैतृक जमीन थी जिसमें से तीन बीघे जमीन उसने बेच दी थी। बैंक ऑफ इंडिया शाखा मकनपुर भिलवल, विजया बैंक हैदरगढ़ व बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा हैदरगढ़ में कर्ज था। क्षेत्र के कुछ लोगों से ब्याज पर कर्ज ले रखा था जो मूल से कई गुना अधिक हो गया था। बैंक व साहूकारों से कितना कर्ज ले रखा था इस बारे में घर वालों को भी जानकारी नहीं है। शनिवार की सुबह सात बजे ही घर से निकला। हैदरगढ़ में सुबह 11 बजे तक देखा गया। इसके बाद बाराबंकी आया था। नगर कोतवाली के एसएसआइ प्रशांत मिश्रा ने बताया कि मृतक के पास से सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने कहा कि गांव के विजय यादव व सुरेश चंद्र मिश्रा से कर्ज लिया था जो जमीन का बैनामा कराने का दबाव बना रहे थे। इसकी असलियत की तहकीकात की जा रही है। एसडीएम हैदरगढ़ डीपी ङ्क्षसह का कहना है कि करीब पांच बीघे फसल 35 से 40 प्रतिशत तक खराब हुई है। किस बैंक से कितना कर्ज था? इसकी जांच की जा रही है।

डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने बताया कि मृतक किसान ने कुछ लोगों से कर्ज ले रखा था जो उसकी जमीन बैनामा कराना चाहते थे लेकिन आशाराम जमीन बेचना नहीं चाहता था। मृतक की पत्नी को सात लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। दो बच्चों को इंटर तक नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी कराई जाएगी।

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