टीबी मुक्त अभियान : केजीएमयू ने 31 मरीजों समेत अर्जुनगंज ग्रामसभा को लिया गोद lucknow news
राज्यपाल की प्रेरणा पर प्रो. सूर्यकांत के नेतृत्व में की गई पहल पूरे इलाज और देखरेख की निभाएंगे जिम्मेदारी।
लखनऊ, जेएनएन। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में पंजीकृत एवं उपचार ले रहे 18 वर्ष तक के टीबी पीडि़त 31 मरीजों को अब सुगम उपचार के साथ पुष्टाहार भी उपलब्ध कराया जाएगा।
उत्तर प्रदेश स्टेट टास्क फोर्स, आरएनटीसीपी एवं विभागाध्यक्ष, रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग प्रो. सूर्यकांत के नेतृत्व में इन मरीजों को गोद लिया गया है। राज्यपाल की प्रेरणा पर दस मरीजों के पूरे इलाज एवं देखभाल की जिम्मेदारी प्रो. सूर्यकांत, 11 मरीजों की जिम्मेदारी डॉ. आशीष नायक, सचिव, सोच फाउंडेशन और शेष दस मरीजों की जिम्मेदारी डॉ. शक्ति भूषण चंद, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी आदर्श डीआरटीबी सेंटर, लखनऊ मंडल ने ली है।
हर महीने पांच सौ रुपये पोषण भत्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है, जो अंतरराष्ट्रीय लक्ष्य तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के टीबी मुक्त विश्व के लक्ष्य से पांच वर्ष पहले है। साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रत्येक टीबी मरीज को 500 रुपये प्रतिमाह पोषण भत्ता भी देने की योजना आरंभ की है। प्रदेश में यह योजना एक अप्रैल 2018 से लागू है। अब तक डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) स्कीम केमाध्यम से 65 करोड़ से ज्यादा की धनराशि टीबी रोगियों के खाते में ट्रांसफर की जा चुकी है।
अर्जुनगंज को लिया गोद
टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत पहले चरण में देश के10 प्रमुख शहरों को टीबी मुक्त बनाने के लिए चयनित किया गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ शामिल हैं। इसी क्रम में सोमवार को प्रो. सूर्यकांत के नेतृत्व में अर्जुनगंज ग्रामसभा को टीबी मुक्त बनाने के लिए गोद लिया गया। इसके अलावा ऐशबाग, मोतीझील, मलिन बस्ती को भी टीबी मुक्त बनाने के लिए गोद लिया गया है। इसमें धन्वंतरि सेवा संस्थान सहयोग कर रहा है।