इनफर्टिलिटी मामले में 10 से 15 प्रतिशत दंपती लगातार हो रहे शिकार, सिर्फ महिला ही नहीं जिम्मेदार

40 प्रतिशत मामलों में पुरुषों में और 40 प्रतिशत मामलों में महिलाओं में होती है दिक्कत। 20 प्रतिशत दोनों में होमी समस्या। 70 फीसद मामलों में नहीं होती आइवीएफ की जरूरत।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Sep 2018 10:43 AM (IST) Updated:Sun, 02 Sep 2018 10:53 AM (IST)
इनफर्टिलिटी मामले में 10 से 15 प्रतिशत दंपती लगातार हो रहे शिकार, सिर्फ महिला ही नहीं जिम्मेदार
इनफर्टिलिटी मामले में 10 से 15 प्रतिशत दंपती लगातार हो रहे शिकार, सिर्फ महिला ही नहीं जिम्मेदार

लखनऊ[कुमार संजय]। गर्भधारण में समस्या का सामना कर रहे 60 से 70 प्रतिशत दंपती को आइवीएफ की जरूरत नहीं होती। इसकी जगह लाइफ स्टाइल में छोटे-छोटे सुधार कर, दवाइया खाकर और इंट्रायूट्रीन इंसेमिनेशन (महिला के बच्चेदानी में पुरुषों के स्पर्म को सीधे डाल दिया जाता है) के जरिए गर्भधारण हो जाता है। फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज होता है या फिर पुरुष का स्पर्म काउंट बहुतकम होता है ऐसी परिस्थितियों में ही आइवीएफ जैसे एडवास ट्रीटमेंट की जरूरत होती है।

संजय गाधी पीजीआइ के मैटर्नल एंड रीप्रोडेक्टिव हेल्थ विभाग की प्रो. इंदु लता साहू कहती है कि इनफर्टिलिटी रेट्स तेजी से घट रहा है। स्टडी के मुताबिक, भारत में 10 से 15 प्रतिशत यानी करीब दो करोड़ 30 लाख दंपती इंफर्टिलिटी यानी बाझपन का शिकार हैं। इनफर्टिलिटी के 40 प्रतिशत मामलों में समस्या पुरुषों में और 40 प्रतिशत मामलों में महिलाओं में दिक्कत होती है। 20 प्रतिशत मामलों में दोनों में ही दिक्कत होती है या फिर कोई दूसरा कारण भी हो सकता है। लाइफ स्टाइल और वातावरण है जिम्मेदार:

इनफर्टिलिटी का मुख्य कारण पाली सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस), फैलोपियन ट्यूब में बाधा, ओवेरियन रिजर्व में कमी और एंडोमीटिऑसिस है। पुरुषों में बाझपन का मुख्य कारण स्पर्म काउंट में कमी, स्पर्म की गतिशीलता में कमी और प्रीमैच्योर इजैक्युलेशन की दिक्कत है। पुरुषों के स्पर्म की क्वॉलिटी और संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इसके अलावा कुपोषण, मोटापा, स्ट्रेस, शराब-सिगरेट की लत भी महिलाओं और पुरुषों दोनों की इनफर्टिलिटी को प्रभावित करता है। शराब और धूम्रपान पूरी तरह से छोड़ दें, स्ट्रेस फ्री रहें। अधिक उम्र में शादी करना और बच्चे पैदा करने के लिए भी लंबा इंतजार करने की वजह से भी इनफर्टिलिटी में तेजी से इजाफा हो रहा है।

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