देश बचाना है तो हर घर से चाहिए एक मेजर अविजित

सुजवां ब्रिगेड में 10 फरवरी को हुए आतंकी हमले में घायल लखनऊ के मेजर अविजित सिंह की। मेजर अविजित की हालत अब भी सामान्य नहीं है।

By Ashish MishraEdited By: Publish:Tue, 27 Feb 2018 11:27 AM (IST) Updated:Wed, 28 Feb 2018 09:18 AM (IST)
देश बचाना है तो हर घर से चाहिए एक मेजर अविजित
देश बचाना है तो हर घर से चाहिए एक मेजर अविजित

लखनऊ [निशांत यादव]। यह बहादुर बेटे की जांबाजी ही थी कि उसने गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद जम्मू संभाग के सुजवां ब्रिगेड में घुसे आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया। लड़ाई के दौरान अधिक खून बहने से वह बेहोश हो गया लेकिन, जब होश आया तो पहला सवाल यही पूछा कि आतंकियों का क्या हुआ? अपने बेटे की इस बहादुरी पर उनके पिता को नाज है। वह कहते हैं कि यदि देश को बचाना है तो हर घर से ऐसा बेटा निकलना चाहिए।

बात हो रही है सुजवां ब्रिगेड में 10 फरवरी को हुए आतंकी हमले में घायल लखनऊ के मेजर अविजित सिंह की। मेजर अविजित की हालत अब भी सामान्य नहीं है। ऊधमपुर से बेटे को देखकर लौटने के बाद उसके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे पिता कर्नल समर विजय सिंह ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में अपने बेटे की बहादुरी पर नाज जताया। मेजर अविजित का परिवार लखनऊ के साउथ सिटी में यूनीटेक अपार्टमेंट में रहता है।

अविजित ने कम्प्यूटर में स्नातक लखनऊ से किया है लेकिन, प्राथमिक शिक्षा उनकी जम्मू के ऊधमपुर में पूरी हुई थी। 1983 में जन्मे मेजर अविजित ने जम्मू के जिस ऊधमपुर क्षेत्र से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की थी, वहीं तैनाती के दौरान 10 फरवरी को वह आतंकी हमले में दो आतंकियों को मारते हुए घायल हो गए। उनके सिर में ग्रेनेड फटने से चोट आई है और ब्रेन से रक्तस्राव अब भी जारी है।

पिता कर्नल समर विजय सिंह उधमपुर स्थित कमांड अस्पताल में अपने बेटे के पास 11 फरवरी से थे और सोमवार को लखनऊ लौटे। उन्होंने बताया कि अविजित बचपन से ही सेना में शामिल होना चाहता था। इसलिए उसने अपनी पूरी तैयारी की और वर्ष 2007 में इंफ्रेंट्री की छह महार रेजीमेंट में कमीशंड प्राप्त किया। जिस दिन यह हमला हुआ उस दिन शाम की ट्रेन से मेजर अविजित को गोवा एक शादी में जाना था।

गौरवशाली परंपरा से जुड़ा है पूरा परिवार

मेजर अविजित के पिता और यूपी सैनिक ओल्ड ब्वॉयज एसोसिएशन के अध्यक्ष कर्नल समर विजय सिंह मूल रूप से गोंडा जिले के नवाबगंज क्षेत्र के अशोकपुर गांव के रहने वाले हैं। उनके भाई आज भी खेती-किसानी का काम देखते हैं। कर्नल समर विजय 37 साल की सेवा के बाद वर्ष 2012 में लखनऊ के मध्य यूपी सब एरिया मुख्यालय से सेवानिवृत्त हुए। वह सात साल कश्मीर में तैनात रहे, जबकि श्रीलंका में शांति को लेकर चलाए गए ऑपरेशन पवन में घायल हो गए थे।

वहीं उनके बड़े भाई कर्नल अभिषेक सिंह को वर्ष 2003 में 19 महार रेजीमेंट में कमीशंड मिली थी। कर्नल अभिषेक सिंह इस समय सूडान में यूनाइटेड नेशन आर्मी में चीफ ऑपरेशनल ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। दो समधी कर्नल ओपी सिंह और कर्नल रविंद्र प्रकाश अब सेवानिवृत्त हो गए हैं। दोनो ही यूपी सैनिक स्कूल के छात्र कैडेट रहे हैं। वहीं अविजित के बहनोई कर्नल अंकित प्रकाश भी सेना से जुड़े हैं। ममेरे भाई विंग कमांडर मयस्कर देव सिंह भी वायुसेना में अपनी सेवा दे रहे हैं।

जाति और मजहब से दूर है सेना

कर्नल समर विजय सुजवां हमले के बाद हो रही राजनीति से आहत हैं। उनका कहना है कि सेना में जात-पात और मजहब का कोई स्थान नहीं होता है। सेना पर इस तरह की राजनीतिक टीका टिप्पणी नहीं होना चाहिए। किसी भी फौजी ऑपरेशन को राजनीति से परे रखना चाहिए। फौजी ही जानते हैं कि वह किन विषम हालातों में रहते हैं।

मां को कर रहे याद

मेजर अविजित सिंह इस समय अपनी मां सरोज सिंह को याद कर रहे हैं। मां भी बेटे की एक झलक पाने को बेताब हैं। घटना के बाद पिता कर्नल समर विजय सिंह तो उधमपुर चले गए थे लेकिन मां अब भी लखनऊ में ही हैं। मां सरोज सिंह टेलीविजन और अखबारों के जरिए अपने बेटे का हाल जान रही हैं। वह मंगलवार को बेटे को देखने जम्मू जाएंगी। 

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