हाईकोर्ट का योगी सरकार को आदेश, सात दिन में रिन्यू करें बूचड़खानों के लाइसेंस

कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह 10 दिन में प्लान बनाएं ताकि अवैध बूचड़खानों और मीट की दुकानों को बंद करने के फैसले से लोगों की रोजीरोटी पर असर न पड़े।

By amal chowdhuryEdited By: Publish:Thu, 06 Apr 2017 08:15 AM (IST) Updated:Thu, 06 Apr 2017 08:19 AM (IST)
हाईकोर्ट का योगी सरकार को आदेश, सात दिन में रिन्यू करें बूचड़खानों के लाइसेंस
हाईकोर्ट का योगी सरकार को आदेश, सात दिन में रिन्यू करें बूचड़खानों के लाइसेंस

लखनऊ (जेएनएन)। इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ बेंच ने योगी सरकार को निर्देश दिए हैं कि जिन बूचड़खानों का लाइसेंस 31 मार्च को समाप्त हो गया था, उनके लाइसेंस सात दिनों में रिन्यू किए जाएं। कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा है कि वह 10 दिन में प्लान बनाएं ताकि अवैध बूचड़खानों और मीट की दुकानों को बंद करने के फैसले से लोगों की रोजीरोटी पर असर न पड़े। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि खाने की कई आदतें उत्तर प्रदेश में फैल चुकी है और यह सेक्युलर राज्य की संस्कृति का एक हिस्सा बन चुके हैं।

मटन और चिकन एक खाद्य पदार्थ हैं और किसी का टेस्ट नहीं बदला जा सकता है। कोर्ट ने एक व्यापारी की अर्जी पर सुनवाई की है जिसने सरकार को उसकी दुकान का लाइसेंस रिन्यू करने का आदेश देने की गुहार लगाई थी। लाइसेंस रिन्यूअल में देरी होने के कारण उसे व्यापार में नुकसान हो रहा है। जस्टिस अमरेश्वर प्रताप शाही और जस्टिस संजाय हरकौली की बेंच ने कहा कि जो खाना स्वास्थ्य के अनुकूल है।

उसे गलत विकल्प नहीं माना जा सकता और यह सुनिश्चित करने की राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि लोगों को बेहतर खाने की सप्लाई हो। कोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि मीट खाने या सभी बूचड़खानों को बंद करने का कोई प्लान नहीं है।

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सरकार ने कहा कि उसका इरादा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए सिर्फ अवैध बूचड़खानों को बंद करने का है। इसके बाद हाईकोर्ट ने इसे मानते हुए कहा कि सरकार ने मीट पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। उसने सिर्फ गैरकानूनी तरीके से चलने वाले बूचड़खानों को बंद किया है, जबकि लाइसेंस प्राप्त बूचड़खाने चल रहे हैं। बूचड़खाने और मीट की दुकानों के मालिकों ने लाइसेंस रिन्यू होने में देरी की अर्जी को हाईकोर्ट ने एक में ही मिला दिया है, जिसकी सुनवाई अब 13 अप्रैल को होगी।

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