Delhi Violence से यूपी में भी अलर्ट, जुमे की नमाज पर निगाहें-चप्पे-चप्पे पर चौकसी

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हिंसात्मक प्रदर्शन का मामला। कई जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों ने संभाली कमान।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Wed, 26 Feb 2020 10:55 PM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 08:43 AM (IST)
Delhi Violence से यूपी में भी अलर्ट, जुमे की नमाज पर निगाहें-चप्पे-चप्पे पर चौकसी
Delhi Violence से यूपी में भी अलर्ट, जुमे की नमाज पर निगाहें-चप्पे-चप्पे पर चौकसी

लखनऊ, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में हुई हिंसक घटनाओं में लगातार कार्रवाई कर रही पुलिस के सामने आने वाले दो दिनों में सुरक्षा-व्यवस्था की फिर बड़ी चुनौती होगी। दिल्ली में हुई हिंसा की चिंगारी उत्तर प्रदेश में न फैले इसे लेकर सभी संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर पुलिस हाई अलर्ट मोड में है। 

डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने एडीजी, आइजी व डीआइजी स्तर के कई अधिकारियों को अलग-अलग जिलों में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारी उन जिलों में कैंप कर रहे हैं। दिल्ली की सीमा से सटे जिलों के अलावा उन स्थानों पर भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है, जहां पूर्व में सीएए के विरोध में हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं। 

नोएडा, गाजियाबाद, बागपत व बुलंदशहर के अलावा लखनऊ, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, रामपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, आजमगढ़, मऊ, कानपुर नगर, संभल, बरेली समेत 22 से अधिक जिलों में खुफिया तंत्र की सक्रियता भी बढ़ा दी गई है। 20 व 21 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा की घटनाओं के बाद चिह्नित किए गए संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस व पीएसी की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। 

 

एडीजी अविनाश चंद्र को अलीगढ़, एडीजी प्रशांत कुमार को मेरठ, आइजी प्रवीण कुमार त्रिपाठी को गाजियाबाद, आइजी रमित शर्मा को संभल, आइजी ज्योति नारायण को बुलंदशहर व हापुड़, आइजी लक्ष्मी सिंह को मुजफ्फरनगर व डीआइजी जे.रविंद्र गौड को बिजनौर की मॉनीटरिंग तथा कड़े सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

डीजीपी मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेल को भी सक्रिय किया गया है। आपत्तिजनक पोस्टों व वायरल संदेशों की कड़ी निगरानी की जा रही है। प्रदेश में सीएए के विरोध में हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर 450 से अधिक मुकदमे दर्ज कर जांच चल रही है। पुलिस ने इसी कड़ी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) व उनके सहयोगी संगठनों के कई सक्रिय सदस्यों पर शिकंजा कसा है। ऐसे आरोपितों पर भी नजर रखी जा रही है, जिनके खिलाफ पुलिस ने बीते दिनों निरोधात्मक कार्रवाई की थी और उन्हें चेतावनी देकर छोड़ा था। 

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