Hathras Case: उत्तर प्रदेश में आग लगाने के लिए विदेश से भेजी गई रकम, ED ने PFI पर गड़ाई निगाहें

Hathras Case हाथरस कांड को लेकर उत्तर प्रदेश में जातीय संघर्ष की साजिश की जड़े बेहद गहरी हैं। आग लगाने के लिए विदेश से फंडिंग की जांच में जुटे ईडी के अफसरों के सीधे निशाने पर पापुलर फ्रंट आफ इंडिया समेत कुछ अन्य संगठन के पदाधिकारी हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 06 Oct 2020 09:01 PM (IST) Updated:Wed, 07 Oct 2020 06:30 AM (IST)
Hathras Case: उत्तर प्रदेश में आग लगाने के लिए विदेश से भेजी गई रकम, ED ने PFI पर गड़ाई निगाहें
ईडी ने मथुरा में पकड़े गए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन के चार सदस्यों का ब्योरा भी जुटाया है।

लखनऊ, जेएनएन। हाथरस कांड को लेकर उत्तर प्रदेश में जातीय संघर्ष की साजिश की जड़े बेहद गहरी हैं। आग लगाने के लिए विदेश से फंडिंग की जांच में जुटे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अफसरों के सीधे निशाने पर पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) समेत कुछ अन्य संगठन के पदाधिकारी हैं। ईडी ने मथुरा में पकड़े गए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन के चार सदस्यों के विरुद्ध दर्ज एफआइआर का ब्योरा भी जुटाया है। इसके साथ ही माहौल बिगाड़ने की साजिश के केंद्र में रही वेबसाइट के बारे में तकनीकी ब्योरा जुटाने के लिए संबंधित कंपनियों से संपर्क साधा गया है।

प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली मुख्यालय की टीम पहले से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के पीछे फंडिंग को लेकर पीएफआइ की भूमिका की जांच कर रही है। ईडी एक वेबसाइड के जरिये माहौल बिगाड़ने की साजिश व इसके लिए विदेश से फंडिंग के मामले में जल्द मनी लांड्रिंग के तहत अपना केस भी दर्ज करेगी।

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए उग्र प्रदर्शनों को लेकर पुलिस ने जनवरी व फरवरी 2020 में पीएफआइ के 133 पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के विरुद्ध कई एफआइआर भी दर्ज कराई गई थीं। हिंसक प्रदर्शनों के पीछे फंडिंग के तथ्यों को लेकर भी जांच एजेंसियों ने छानबीन शुरू की थी। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने भी इस दिशा में छानबीन की थी, जिसके बाद से माहौल बिगाड़ने की साजिश को लेकर कई संगठनों की भूमिका की छानबीन चल रही है।

पीएफआइ को प्रतिबंधित करने की सिफारिश भी केंद्र सरकार से की जा चुकी है। वहीं हाथरस में देशद्रोह, कोविड-19 की गाइडलाइन व धारा-144 का उल्लंघन समेत अन्य धाराओं में दर्ज कराए गए मुकदमों में आरोपितों को चिन्हित करने की कसरत भी शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने संदेह के दायरे में आए कई लोगों से लंबी पूछताछ भी की है। हाथरस में तेजी से बदलते घटनाक्रमों के बीच बीते दो दिनों में पुलिस ने अपनी कार्रवाई का दायरा बढ़ाया है। माहौल बिगाड़ने की साजिश को लेकर 19 मुकदमे भी दर्ज कराए गए हैं।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि वीडियो व तस्वीरों के जरिए आरोपितों को चिह्नित कर जल्द उन पर कानूनी शिकंजा कसने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। माहौल बिगाड़ने की साजिश ने पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ईडी अब फंडिंग के तार जरूर खंगालेगी लेकिन कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर पुलिस के लिए आने वाले दिन चुनौतियों से भरे होंगे। एक अधिकारी का कहना है कि साजिश से जुड़े कई तथ्य सामने आए हैं, जिनकी जांच कराई जा रही है।

विरोध प्रदर्शन की पूरी प्लानिंग के साथ आए थे संदिग्ध : मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेसवे के मांट टोल पर पकड़े गए कैंपस फ्रंट आफ इंडिया संगठन के कार्यकर्ता हाथरस कांड के विरोध प्रदर्शन की पूरी रूपरेखा बनाकर आए थे। उनके पास मिले 17 पेज के दस्तावेज में इसकी विस्तार से जानकारी दर्ज है। मांट थाने में एटीएस और कई अन्य खुफिया एजेंसियों ने रात भर उनसे पूछताछ की। मंगलवार दोपहर बाद चारों संदिग्धों को शांतिभंग में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।  एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि चारों के पास से हाथरस कांड में विरोध प्रदर्शन करने के कागजात मिले हैं। उन्हें जेल भेज दिया गया है।

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