आवाज के इशारे पर लड़ाकू विमान उड़ाने का हुनर दिखाएगा भारत, HAL ने तैयार किया वॉयस एक्टिवेटेड कमांड सिस्टम

Defence Expo 2020 एचएएल ने सुखोई के अपग्रेड कॉकपिट के साथ लगाई इंडिया पवेलियन में प्रदर्शनी देखेंगे पीएम।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sun, 02 Feb 2020 07:35 AM (IST) Updated:Mon, 03 Feb 2020 08:30 AM (IST)
आवाज के इशारे पर लड़ाकू विमान उड़ाने का हुनर दिखाएगा भारत, HAL ने तैयार किया वॉयस एक्टिवेटेड कमांड सिस्टम
आवाज के इशारे पर लड़ाकू विमान उड़ाने का हुनर दिखाएगा भारत, HAL ने तैयार किया वॉयस एक्टिवेटेड कमांड सिस्टम

लखनऊ  [निशांत यादव]। लड़ाकू विमानों के मामले में अभी दूसरे देशों पर निर्भर भारत एविएशन तकनीक में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। मल्टीरोल तेजस एयरक्राफ्ट बनाने के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) ने वॉयस एक्टिविटेड कमांड सिस्टम विकसित किया है। सफल परीक्षण कर इसके प्रयोग से अग्रिम पंक्ति के सुखोई एसयू-30 विमान का आधुनिक कॉकपिट तैयार कर लिया है। डिफेंस एक्सपो में लगने वाले भारतीय पवेलियन में इसे प्रदर्शित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच फरवरी को एक्सपो का उद्धाटन करने के बाद एचएएल के उत्पादों का निरीक्षण करेंगे। 

वॉयस एक्टिवेटेड कमांड सिस्टम भारतीय वायुसेना को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इसके जरिए भविष्य में फाइटर पायलटों को अपने लड़ाकू विमान हाथ से कंट्रोल नहीं करने पड़ेंगे। उनकी आवाज पर ही विमान दुश्मन के ठिकानों का नक्शा ढूंढ निकालेगा। संभावित ठिकानों को टारगेट भी करेगा और आवाज से मिले निर्देश पर बम बरसा देगा। 

अमेरिका समेत कई देश कर रहे रिसर्च 

लड़ाकू विमानों को पायलटों के हाथों के बजाए वॉयस सिस्टम से नियंत्रित करने के लिए अमेरिका सहित कई देश रिसर्च कर रहे हैं। लड़ाकू विमान के कॉकपिट में मैप सर्च करने, टारगेट चुनने, बमबारी, स्पीड बढ़ाने, दिशा बदलने सहित कई तरह की गतिविधियों के लिए पायलट अभी बटन का इस्तेमाल करते हैं। एचएएल की नई तकनीक बटन के इस्तेमाल में लगने वाले समय को बचाएगी। नासिक डिवीजन में लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-30 के कॉकपिट को वॉयस एक्टिविटेड कमांड सिस्टम से लैस कर लिया गया है। इस प्रोजेक्ट में एचएएल बेंगलुरु, लखनऊ सहित कई डिवीजन को लगाया गया है। कॉकपिट के सभी बटन को सेंसर से लिंक किया गया है। 

तो मानवरहित लड़ाकू विमान की तैयारी

एचएएल के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, वॉयस एक्टिवेटेड सिस्टम पहला फेस है। यह तकनीक अभी ऑपरेशनल तौर पर किसी के पास नहीं है। हम कॉकपिट बना चुके हैं। सुखोई लड़ाकू विमान को इसी तकनीक के सहारे भविष्य में बड़े बदलाव कर सकेंगे। दूसरे चरण में मानवरहित लड़ाकू विमान के प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा। हालांकि, इस प्रोजेक्ट का अभी डिजाइन नहीं बना है लेकिन वॉयस एक्टिवेटेड सिस्टम उसमें अहम भूमिका निभाएगा। 

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