लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की रणनीति तय करने को लखनऊ में राज बब्बर और गुलाम नबी
सपा-बसपा गठबंधन के एलान के बाद कांग्रेस ने प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरना कांग्रेस अपने लिए मुफीद मान रही है।
लखनऊ, जेेएनएन। सपा-बसपा गठबंधन के एलान के बाद कांग्रेस ने प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरना कांग्रेस अपने लिए मुफीद मान रही है। हालांकि कुछ छोटे दलों से भी समझौते की बात चल सकती है। राष्ट्रीय लोकदल को गठबंधन में स्थान न मिलने से कांग्रेस की उधर भी निगाह लगी है।
कांग्रेस ने 11 और 12 जनवरी को दिल्ली में पश्चिमी जिलों के लोकसभा क्षेत्रों के लिए बैठक कर संभावना तलाशी। रविवार को उप्र कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर और प्रभारी गुलाम नबी लखनऊ आ रहे हैं। दोनों नेता यहां पर चुनावी जमीन तैयार करने के लिए कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करेंगे। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि केंद्र की सरकार बदलने की स्थिति में कांग्रेस ही है। वर्ष 2009 में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ी कांग्रेस अपने 21 सांसद जिताने में कामयाब रही थी।
सपा-बसपा अध्यक्ष के लिए छोड़ सकती सीटें
सपा-बसपा गठबंधन ने रायबरेली और अमेठी सीट पर उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है। कांग्रेस भी इस एवज में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती के खिलाफ उम्मीदवार उतारने से बच सकती है। अखिलेश के कन्नौज और मायावती के नगीना क्षेत्र से चुनाव लडऩे की संभावना है। कांग्रेस रालोद के साथ भी समझौते की बात बढ़ा सकती है। वैसे अपना दल, महान दल जैसे कई छोटे दलों में भी कांग्रेस को जातीय गोलबंदी की संभावना दिखने लगी है।
अकेले लडऩे को तैयार कांग्रेस : राज बब्बर
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर का कहना है कि पार्टी गठबंधन के लिए तैयार थी लेकिन, अनुकूल स्थिति नहीं बनी तो अकेले लडऩे को भी कमर कस ली है। इस बार उत्तर प्रदेश की जनता ऐतिहासिक फैसला देगी।
शिवपाल भी कांग्रेस के साथ जोड़ सकते रिश्ता
सपा-बसपा गठबंधन ने उत्तर प्रदेश में छोटे दलों के गठबंधन के लिए राह आसान कर दी है। मायावती ने शिवपाल सिंह यादव पर हमला बोलकर उनसे दूरी बना ली है। शिवपाल पहले से ही दावा कर रहे हैं कि भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। ऐसे में शिवपाल को अपने वजूद के लिए कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने की संभावना बची है। शिवपाल ने मायावती के खिलाफ प्रतिक्रिया देते हुए यह भी कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में मायावती ने कांग्रेस से गठबंधन न करके भाजपा को लाभ पहुंचाया।