यूपी में शराब माफिया पर कसा शिकंजा, अवैध कारोबार किया तो लगेगा गैंगस्टर और संपत्ति भी होगी जब्त

उत्तर प्रदेश में अवैध शराब पीने की वजह से अगर एक भी व्यक्ति की मौत होती है तो न सिर्फ शराब बेचने वाले पर कड़ी कार्रवाई होगी बल्कि उस क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिस कर्मियों पर भी सख्त एक्शन लिया जाएगा।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 26 Mar 2021 06:20 PM (IST) Updated:Fri, 26 Mar 2021 06:22 PM (IST)
यूपी में शराब माफिया पर कसा शिकंजा, अवैध कारोबार किया तो लगेगा गैंगस्टर और संपत्ति भी होगी जब्त
उत्तर प्रदेश में अवैध शराब का निर्माण करने वालों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगेगा और संपत्ति भी जब्त होगी।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से लोगों की मौत की घटनाओं को सीएम सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है। अवैध रूप से शराब का कारोबार करने वाले शराब माफिया पर शिकंजा कसते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे तत्वों पर गैंगस्टर लगाने का फरमान जारी किया है। सीएम योगी ने सभी आला अधिकारियों को इस बाबत सख्त निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि अवैध तरीके से शराब निर्माण कर बेचने वाले लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा और उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी लोग प्रतिबंध के बावजूद भी बिना लाइसेंस के अवैध तरीके से शराब का निर्माण कर धड़ल्ले से बेच रहे हैं, उन पर कड़ी नजर रखी जाए। प्रदेश में अवैध शराब पीने की वजह से अगर एक भी व्यक्ति की मौत होती है तो न सिर्फ शराब बेचने वाले पर कड़ी कार्रवाई होगी बल्कि उस क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिस कर्मियों पर भी सख्त एक्शन लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अवैध शराब के कारोबार का समूल नाश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने ऐसे कारोबारियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाने के साथ उनकी संपत्ति भी जब्त करने का निर्णय लिया है ताकि भविष्य में कोई भी इस प्रकार की हरकत न कर सके।

शराब दुकानों के सेल्समैन की भी होगी जांच : अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने शराब व मादक पदार्थ के अवैध कारोबार पर शिकंजा कसने के कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने अवैध शराब व मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में दर्ज मुकदमों में सतर्कता अधिष्ठान, सीबीसीआइडी, आबकारी व पुलिस विभाग द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी ली है। अवस्थी ने कहा कि शराब के लाइसेंस धारकों की सघन जांच कराई जाए और सेल्समैन व अन्य कर्मचारियों की गहनता से जांच कर उनका ब्योरा रखा जाए। उन्होंने अवैध शराब व मादक पदार्थ के लंबित प्रकरणों में ठोस कार्रवाई किए जाने के साथ ही आरोपितों की गिरफ्तारी सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।

नई आबकारी नीति रही सफल : यूपी सरकार के प्रयासों से आबकारी विभाग के राजस्व में भी रिकॉर्ड वृद्धि देखने को मिली है। राजस्व में आई तेजी से वृद्धि का प्रमुख कारण योगी सरकार की नई आबकारी नीति रही है। नई आबकारी नीति के माध्यम से बाजार को विनियमित किया गया और अवैध निर्माण से जुड़े काले कारोबार पर सख्ती से काबू पाया गया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने हैं। जहां 2016-17 में आबकारी विभाग को 13,000 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई थी। वहीं साल 2020-21 में आबकारी विभाग को 28,340 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में आबकारी विभाग को 34,500 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।

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