World Health Day : इन बातों का रखें ध्‍यान, इसमें छ‍िपा है सेहत का राज

हर किसी के लिए सेहत सबसे बड़ी नेमत है। सात अप्रैल को वर्ल्‍ड हेल्थ डे है। इस बार की थीम यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज एवरीवन एवरीव्हेयर है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 06 Apr 2019 07:57 PM (IST) Updated:Sun, 07 Apr 2019 08:33 AM (IST)
World Health Day : इन बातों का रखें ध्‍यान, इसमें छ‍िपा है सेहत का राज
World Health Day : इन बातों का रखें ध्‍यान, इसमें छ‍िपा है सेहत का राज

लखनऊ, (कुसुम भारती )। 'मुझे पता नहीं कैसे एनीमिया हो गया। जबकि मैं बाहर के खाने से परहेज करता हूं। हालांकि, पढ़ाई के चलते हम भाई-बहन एक टाइम खाना बनाते हैं और दोनों टाइम खाते हैं। ये बातें, केजीएमयू में एक युवक ने डाइटीशियन से कहीं। इस पर डाइटीशियन ने समझाया कि सही डाइट न मिलने के कारण ही तुम्हें एनीमिया हुआ है। यह तो महज  उदाहरण है। ऐसे तमाम युवा हैं जो नौकरी या पढ़ाई के कारण घर से बाहर रहते हैं और इस कारण खानपान पर उचित ध्यान नहीं दे पाते, ज‍िससे उनकी सेहत बिगाड़ लेते हैं। 

मां की नसीहत पर कर रहे अमल

लखनऊ आते वक्त मेरी मां ने हम भाई-बहन को नसीहत देते हुए कहा था कि बाहर के भोजन से परहेज करना। हरदोई जिले से आए महेंद्र सिंह कहते हैं, मैं केडी सिंह बाबू स्टेडियम में कबड्डी का स्टूडेंट हूं और मेरी बहन लखनऊ यूनिवर्सिटी में समाज शास्त्र से एमए कर रही है। पढ़ाई के चलते बहन एक ही समय भोजन बनाती है जिसे हम दो वक्त खाते हैं। बावजूद इसके मेरी सेहत बिगड़ गई। डाइटीशियन ने बताया कि प्रॉपर डाइट न मिलने के कारण एनीमिया हुआ है। जब से डाइट के अनुसार भोजन शुरू किया है, तब से सेहत में सुधार हुआ है।

दोस्त मिलकर बनाते हैं खाना

मैं और मेरे दोस्त ज्यादातर बाहर खाते थे। कहीं खाना स्वादिष्ट मिलता, तो वहां साफ-सफाई नहीं थी। कहीं सफाई थी, पर खाना अच्छा नहीं मिलता था। दिल्ली से लखनऊ पढऩे आए अतुल माथुर कहते हैं, शुरुआत में अपने खानपान को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रोज बाहर का खाने से मेरे एक दोस्त को फूड प्वाइजनिंग हो गई। बाद में हम सभी ने तय किया कि अब खुद से ही खाना बनाएंगे ताकि स्वास्थ्य बेहतर रहे और घर का स्वाद भी मिले।

यू-ट्यूब से देखकर बनाता हूं खाना

मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत अतहर अली कहते हैं, एक साल पीजी में रहा, मगर मेस का खाना बस काम चलाऊ था। जिसे न खाने का मन होता था और न ही पेट भरता था। फिटनेस का शौक होने के कारण असर डाइट पर पडऩे लगा। फिर मैंने यूट्यूब देखकर खाना बनाना सीखा। फोन पर मां भी कुछ नुस्खे बता देती हैं। वह कहती हैं कि यदि सेहत ठीक रहेगी तभी ठीक से काम भी कर सकोगे। इसलिए मैं अब अपनी डाइट का पूरा ख्याल रखता हूं।

अपनाएं सेहतमंद डाइट

केजीएमयू में डाइटीशियन शालिनी श्रीवास्तव कहती हैं, बाजार में ठेले पर मिलने वाले फास्ट फूड सेहत के लिए नुकसानदेह हैं। अक्सर पढ़ाई, नौकरी व अन्य खर्चों के चलते युवा खानपान में लापरवाही बरतते हैं। ऐसे में, सेहतमंद व जल्दी तैयार होने वाली डाइट का विकल्प अपनाकर स्वास्थ्य को दुरुस्त रखा जा सकता है। 

इसका रखें ध्‍यान नाश्ते में सवेरे एक गिलास दूध, एक अंडा, ब्रेड-बटर या ब्रेड-जैम के साथ सेब, अमरूद, संतरा, नाशपाती, केला में से कोई भी एक फल जरूर खाएं। बैग में एक फल रखकर भी निकलें। दोपहर 12 से एक के बीच में एक गिलास मट्ठा के साथ रोस्टेड नमकीन खा सकते हैं। लंच टाइम में रोटी-सब्जी, पराठा-सब्जी, दही-पराठा खाएं। यदि टिफिन लेकर नहीं निकले हैं, तो एक कटोरा स्प्राउट जरूर खाएं। जिसमें साबुत हरी मूंग, चना, गेहूं, मूंगफली, बादाम इनको रातभर पानी में भिगोएं। लंच के विकल्प के तौर पर इसका सेवन करें। स्वाद के लिए इसमें प्याज, टमाटर, हरी मिर्च, हरी धनिया, नींबू का रस और नमक मिलाएं। गर्मी के मौसम में जौ, चना व लइया व नमक मिक्स सत्तू का सेवन फायदेमंद है। घर, कॉलेज या ऑफिस कहीं भी सत्तू में पानी डालिए और हलवा बनाकर खा लीजिए। शाम के समय चाय के साथ लइया-चना, मूंग की दालमोठ, बेसन के सेंव या पॉपकॉर्न खाएं। रात में समय न हो तो, वेजिटेबल मिक्स दलिया या खिचड़ी बनाकर खाइए। इनके साथ दही जरूर खाएं। नूडल्स खाने के शौकीन इसमें ग्रीन वेजिटेबल मिलाकर खा सकते हैं। दिनभर में कम से कम तीन लीटर पानी का सेवन करें। साथ ही नींबू पानी, नींबू की शिकंजी, नारियल पानी, ताजे फलों का जूस भी ले सकते हैं। 

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