Fake आर्मी अफसर बनकर दारोगा पुत्र करता था जालसाजी, साइबर क्राइम ने किया अरेस्ट

आरोपित बेरोजगारों को सेना आईबी और रॉ में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था। दारोगा के बेटे को साइबर क्राइम सेल और विभूति खंड थाने की सम्मिलत टीम ने गिरफ्तार किया है।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 12 May 2019 03:01 PM (IST) Updated:Sun, 12 May 2019 03:22 PM (IST)
Fake आर्मी अफसर बनकर दारोगा पुत्र करता था जालसाजी, साइबर क्राइम ने किया अरेस्ट
Fake आर्मी अफसर बनकर दारोगा पुत्र करता था जालसाजी, साइबर क्राइम ने किया अरेस्ट

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में फर्जी आर्मी अफसर बनकर लोगों से जालसाजी करने वाले दारोगा के बेटे को साइबर क्राइम सेल और विभूति खंड थाने की सम्मिलत टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपित बेरोजगारों को सेना, आईबी और रॉ में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था। पुलिस के मुताबिक, आरोपित को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है।

ये है पूरा मामला 

दरअसल, मूल रूप से अंबेडकरनगर निवासी आरोपित हर्ष विक्रम सिंह के पिता वजीरगंज थाने में दारोगा के पद पर तैनात हैं। बताया जा रहा है कि वह बेरोजगारों को सेना, आईबी और रॉ में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था। पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर विभूतिखंड थाने लेकर गई है। जहां उससे पूछताछ कर रही है। वहीं, सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक, आरोपित हर्ष विक्रम लोगों को सेना और सुरक्षा एजेंसियों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगता था। गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है।

लड़कियों को लुभाने के लिए बना फर्जी लेफ्टीनेंट कर्नल
24 अक्टूबर 2018 को  साइबर क्राइम सेल और हजरतगंज पुलिस ने एक फर्जी लेफ्टीनेंट कर्नल को गिरफ्तार किया था। आरोपित अरविंद मिश्र लड़कियों को लुभाने के लिए फर्जी लेफ्टीनेंट कर्नल बना था। यह सेना की वर्दी में गाड़ी से टहलता था और लोगों पर रौब झाड़ता था। आरोपित ने पूछताछ में बताया था कि वर्ष 1997 से 2003 तक उसने लगातार एनडीए और सीडीएस की परीक्षा दी थी। वह पास भी हुआ था और इलाहाबाद तथा भोपाल में कांफ्रेस में भी शामिल हुआ था। हालांकि उसका चयन नहीं हो सका था। इसके बाद वह फर्जी आर्मी अफसर बन गया था।

सेना की वर्दी पहन फिल्म देखने पहुंचा था फर्जी कैप्टन
13 अप्रैल 2019 को बलिया निवासी अभिषेक यादव सेना के कैप्टन की वर्दी पहने सहारागंज में फिल्म देखने आया था। शक होने पर इसकी सूचना किसी ने सेना को दे दी। सेना की एक टीम सहारागंज पहुंची। युवक की सैन्य वर्दी में सितारे और साजो सामान को सही तरीके से न देख यह समझते देर न लगी कि वह फर्जी है। सेना की टीम ने युवक से पूछताछ की। इस पर उसने बताया था कि उसने शौक में सेना की वर्दी पहन ली थी। वह फिल्म देखने आया हुआ था। पूछताछ के बाद जब युवक को हजरतगंज थाना ले जाया गया तो बहुत देर तक एफआइआर दर्ज कराने को लेकर पेच फंसा रहा। देर रात एसएसपी के आदेश के बाद हजरतगंज थाना में एफआइआर दर्ज करायी गई। 

पहले यह भी पकड़े गए मामले 

26 अक्टूबर 2018 : फर्जी ले. कर्नल अरविंद मिश्र सुलतानपुर रोड से पकड़ा गया 25 जून 2017 : चारबाग स्टेशन से फर्जी तरीके से मेजर बनकर घूम रहे सौमित्र को पकड़ा गया वर्ष 2009 : आठ साल तक यूपी सैनिक कल्याण निगम में तैनात एमडी व फर्जी कर्नल एके वाजपेयी गिरफ्तार।

ये है नियम
सदर बाजार व तोपखाना सहित कई इलाकों में सेना की वर्दी खुलेआम बिक रही है। यहां वर्दी के साथ उसपर सजने वाले बैज, रिबन, बेल्ट सहित अन्य साजो सामान भी मिल रहा है। जबकि, नियम है कि वर्दी और साजो सामान सैन्य यूनिटों में ही उपलब्ध हों। तोपखाना में वर्दी बेचते समय दुकानदार को जवान की आइडी लेना जरूरी होता है। हालांकि, समय-समय पर इस पर कार्रवाई की जाती है।

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