Vikas Dubey News : कुख्यात विकास दुबे गैंग पर कसा ED का शिकंजा, मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज

गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे भाई दीप प्रकाश समेत 36 लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2020 07:41 PM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 01:21 AM (IST)
Vikas Dubey News : कुख्यात विकास दुबे गैंग पर कसा ED का शिकंजा, मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज
Vikas Dubey News : कुख्यात विकास दुबे गैंग पर कसा ED का शिकंजा, मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज

लखनऊ, जेएनएन। कानपुर में चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ ने अपनी लंबी छानबीन के बाद आखिरकार सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज कर लिया है। ईडी ने बिकरू कांड में दर्ज कराई गई एफआइआर को अपने केस का आधार बनाते हुए कुख्यात विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी समेत करीब 36 आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज किया है।

कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर फायरिंग कर गैंगस्टर विकास दुबे ने सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इस प्रकरण की सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में तीन सदस्यीय आयोग, एसआईटी और ईडी जांच कर रहा है। अब ईडी ने विकास दुबे, उसके परिवार वालों और खास लोगों पर अपना शिकंजा कसा है। शूटआउट के 77 दिन बाद दर्ज इस एफआईआर में विकास गैंग के खास सदस्य और उसके खजांची जय बाजपेयी का भी नाम शामिल है। जय बाजपेयी जेल में है। 

बता दें कि शासन ने इससे पहले ईडी और आयकर विभाग को पत्र लिखकर मामले में जांच करने की सिफारिश की थी। अधिकारियों का कहना है कि भले ही कुख्यात विकास दुबे पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुका है, पर ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के केस के तहत उसकी अपराध की कमाई से जुटाई गई संपत्तियों को अटैच कर सकती है। कानपुर कांड में ईडी ने पहले ही स्थानीय पुलिस से संपर्क कर एफआइआर की कॉपी समेत अन्य दस्तावेज अपने कब्जे में लिए थे। ईडी के लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय की एक टीम ने कानपुर जाकर लंबी छानबीन भी की थी।

लंबे समय से जानकारियां जुटाने में लगी ईडी ने कानपुर पुलिस से बिकरू कांड के आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में दाखिल किए गए आरोपपत्र, संपत्तियों, बैंक खातों का ब्योरा व अन्य जानकारियां भी मांगी थीं। पुलिस को भी विकास के सबसे करीबी और उसके खजांची जय वाजपेयी से पूछताछ के दौरान कानपुर और लखनऊ में उसकी कई नामी-बेनामी संपत्तियों की जानकारी मिली थी।

काली कमाई से जुटाई सम्पत्तियों का पता चला : ईडी की जांच के दायरे में विकास दुबे के परिवारीजन की संपत्तियां भी हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों की विकास दुबे व जय बाजपेयी की काली कमाई से जुटाई गईं करोड़ों रुपये की संपत्तियों का पता लगाया जा चुका है, जिनमें कई स्कूल और कॉलेज, व्यवसायिक व आवासीय भूखंड भी हैं। दूसरी ओर कानपुर पुलिस ने बिकरू कांड में करीब 41 आरोपितों के नाम खोले थे। पुलिस ने विकास दुबे समेत उसके गिरोह के छह सदस्यों को मुठभेड़ में मार गिराया था, जबकि करीब 34 आरोपित जेल में हैं। ईडी ने जय वाजपेयी, दिनेश तिवारी, अनुराग, शिवम दुबे, संजय दुबे, श्यामू वाजपेयी, शशिकांत, रामू वाजपेयी, गोपाल सैनी, धर्मेंद्र दुबे, बाल गोविंद, उमांकांत, जहान यादव, विष्णु यादव, विमल प्रकाश समेत अन्य को आरोपित बनाया है। 

यूपी सरकार ने ईडी को लिखा था पत्र : प्रवर्तन निदेशालय इस मामले में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके परिवारीजन के अलावा उसके करीबी खजांची जय बाजपेयी की संपत्तियों की भी जांच करेगा। बिकरू कांड के बाद एजेंसी ने विकास दुबे और उसके करीबियों की संपत्तियों और दस्तावेजों की पड़ताल थी। वहीं, यूपी सरकार की तरफ से भी जय बाजपेयी की संपत्तियों की जांच के लिए भी ईडी को पत्र लिखा गया था। अब एजेंसी जल्द इन सभी आरोपियों की चल-अचल संपत्तियों का पता लगाकर उनकी जब्ती की कार्रवाई शुरू करेगी।

कानपुर का बिकरू कांड : बता दें कि दो-तीन जुलाई की रात गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव गई थी। यहां पर बीच सड़क पर जेसीबी लगाकर पुलिस की जीप रोक दी गई। पैदल आगे बढ़ी पुलिस टीम पर विकास के गुर्गों ने ताबड़तोड़ फायरिंग क दी। इस घटना में बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समते आठ पुलिसवाले शहीद हो गए थे। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया था। पुलिस घटना के मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत उसके मामा प्रेम प्रकाश पांडेय, उसके करीबी अतुल दुबे, प्रभात मिश्रा समेत छह लोगों को एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है, जबकि करीब 34 आरोपित जेल में हैं।

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