Bike Bot Scam : ED ने अटैच की 103 करोड़ की संपत्ति, ठगी की रकम से जुटाई गईं 26 संपत्तियां आईं सामने

Bike Bot Scam ईडी ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी व उसके संचालक मुख्य आरोपित बसपा नेता संजय भाटी की 103.73 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 20 Jul 2020 09:02 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jul 2020 09:02 PM (IST)
Bike Bot Scam : ED ने अटैच की 103 करोड़ की संपत्ति, ठगी की रकम से जुटाई गईं 26 संपत्तियां आईं सामने
Bike Bot Scam : ED ने अटैच की 103 करोड़ की संपत्ति, ठगी की रकम से जुटाई गईं 26 संपत्तियां आईं सामने

लखनऊ, जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोएडा के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले की जांच में अपने कदम बढ़ाए हैं। ईडी के लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय की टीम ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी और उसके संचालक मुख्य आरोपित बसपा नेता संजय भाटी की 103.73 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं। इनमें 101.45 करोड़ रुपये की 26 चल-अचल संपत्तियां तथा 22 बैंक खातों में जमा 2.28 करोड़ रुपये शामिल हैं।

प्रवर्तन निदेशालय ने गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, कानपुर और इंदौर में कंपनी के नाम ली गईं 19 संपत्तियों के अलावा दूसरों के नामों से जुटाई गईं सात प्रापर्टी भी अटैच की हैं। ईडी बाइक बोट घोटाले के आरोपितों की जल्द कुछ और संपत्तियां अटैच करने की तैयारी में है। इससे पूर्व ईओडब्ल्यू ने जून माह में गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, मुजफ्फरनगर व बागपत में छापेमारी कर 250 से अधिक बाइक जब्त की थीं।

शासन ने करीब चार हजार करोड़ के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी। ईडी ने गौतमबुद्धनगर में दर्ज कराई गईं करीब 57 एफआईआर को आधार बनाकर 29 जून, 2019 को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर अपनी पड़ताल शुरू की थी। बाइक टैक्सी के नाम पर आकर्षक योजनाओं का झांसा देकर निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी में मुख्य आरोपित गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी के संचालक बसपा नेता संजय भाटी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

मुख्य आरोपित बसपा नेता संजय भाटी व अन्य आरोपितों के विरुद्ध गौतमबुद्धनगर में निवेशकों की ओर से 57 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। आरोपितों ने बाइक बोट स्कीम के जरिए निवेशकों को एक बाइक में करीब 62 हजार रुपये का निवेश करने पर हर माह करीब 10 हजार रुपये देने का दावा किया था। संचालकों ने निवेशकों की गाढ़ी कमाई से अपनी व्यक्तिगत संपत्तियां बनानी शुरू कर दी थीं। ईडी ने पूर्व में कई पीड़ितों के बयान भी दर्ज किए थे, जिसके बाद से आरोपित संजय भाटी, राजेश भारद्वाज, विजय कसाना, तरुण शर्मा व अन्य के बारे में लगातार छानबीन चल रही थी।

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