अब नाम नहीं, टोकन नंबर से होगी डॉगी की पहचान, कैंट में पालतू और आवारा कुत्तों का होगा पंजीकरण

लखनऊ की छावनियों में पालतू व आवारा श्वानों के पंजीकरण के लिए हो रही तैयारियां कुत्तों को लेकर बन रहे हैं कई नियम।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 09 Jun 2020 01:15 PM (IST) Updated:Tue, 09 Jun 2020 01:15 PM (IST)
अब नाम नहीं, टोकन नंबर से होगी डॉगी की पहचान,  कैंट में पालतू और आवारा कुत्तों का होगा पंजीकरण
अब नाम नहीं, टोकन नंबर से होगी डॉगी की पहचान, कैंट में पालतू और आवारा कुत्तों का होगा पंजीकरण

लखनऊ [निशांत यादव]। टॉमी, रॉकी ऐसे कई नामों वाले डॉगी की अब नई पहचान टोकन नंबर से होगी। छावनी क्षेत्र के श्वानों का पंजीकरण कर उनको टोकन नंबर आवंटित किया जाएगा। यह टोकन हर श्वान के गले में लगे पट्टों के साथ लगाया जाएगा। पालतू ही नहीं, सड़क पर आवारा घूम रहे श्वानों को भी टोकन नंबर दिए जाएंगे। यदि किसी श्वान के गले में टोकन नहीं मिला तो उसके स्वामी के खिलाफ जुर्माना लगेगा। यह पहल लखनऊ सहित देशभर की छावनियों में होगी। 

रक्षा मंत्रालय छावनी परिषद अधिनियम-2020 बना रहा है, जिसमें श्वानों को लेकर भी पॉलिसी बनेगी। श्वानों की संख्या पर नियंत्रण के लिए छावनी परिषद बोर्ड नियम बनाएगा। बिना मेटल टोकन के घूमने वाले श्वानों को पकड़कर इसका जुर्माना लिया जाएगा। उनके अंदर किसी तरह की बीमारी पाए जाने पर परिषद प्रशासन स्वामियों को नोटिस जारी करेगा। यदि श्वान के भीतर किसी अन्य जानवर के काटने से संक्रमण होता है और इसकी जानकारी छिपाई जाती है तो छावनी परिषद श्वान के स्वामियों से तीन हजार रुपये जुर्माना भी वसूलेगा। 

बढ़ेंगी बोर्ड की शक्तियां

छावनी परिषद के सीईओ अमित कुमार मिश्र ने बताया कि छावनी परिषद अधिनियम-2006 में बदलाव किया जा रहा है। अब अधिनियम 2020 तैयार हो रहा है। इसमें बोर्ड के काम तो बढ़ेंगे ही, उसकी शक्तियां भी बढ़ाई जाएंगी। इसके तहत श्वानों के नियंत्रण और पंजीकरण की पॉलिसी बनाने के लिए सुझाव मांगे गए हैं।

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