दीपदान मेला: लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई मंदाकिनी में डुबकी

लखनऊ। रंग बिरंगी रोशनी में नहाई धर्मनगरी चित्रकूट में दीपदान को आए लाखों श्रद्धालुओं ने भोर की

By Edited By: Publish:Thu, 23 Oct 2014 10:11 AM (IST) Updated:Thu, 23 Oct 2014 10:11 AM (IST)
दीपदान मेला: लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई मंदाकिनी में डुबकी

लखनऊ। रंग बिरंगी रोशनी में नहाई धर्मनगरी चित्रकूट में दीपदान को आए लाखों श्रद्धालुओं ने भोर की किरण के साथ ही पतित पावनी मंदाकिनी में पुण्य स्नान किया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम दिखे। स्नान ध्यान और पूजन का यह क्रम दिन चढ़ने के सथ और बढ़ने की संभावना है।

श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण केवल छोटे वाहनों को मेला क्षेत्र में प्रवेश दिया गया। अधिक भीड़ कामदगिरि के आसपास है। रामघाट में सुबह भीड़ का सैलाब उमड़ा है। कामदगिरि प्रमुख द्वार वन वे कर दिया गया है। बांके बिहारी मंदिर के पास परिक्रमा मार्ग में बैरीकेडिंग कर दी गई है। इसके अलावा इस मार्ग से प्रमुख द्वार को जाने वाले रास्तों को भी बंद कर दिया गया है ताकि श्रद्धालु परिक्रमा लगाने के बाद दोबारा प्रमुख द्वार में नहीं पहुंच पाए। मेला क्षेत्र में जिलाधिकारी नीलम अहलावत, पुलिस अधीक्षक स्वामी प्रसाद सहित सभी प्रमुख अधिकारी निरीक्षण करते रहे।

परिक्रमा मार्ग कई स्थानों पर संकरा

चित्रकूट में बिना चौड़ीकरण कामदगिरि परिक्रमा मार्ग में अलग दंडवती परिक्रमा मार्ग बना देने पर कई जगह मार्ग एकदम संकरा हो गया है। जिससे परिक्रमा करने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही। भदई अमावस्या में भगदड़ मचने की घटना से सबक लेते हुए यूपी-एमपी प्रशासन ने मेला व्यवस्थाओं में इस बार काफी बदलाव किया है। अलग दंडवती परिक्रमा मार्ग बना दिया गया है। एमपी क्षेत्र के परिक्रमा मार्ग में पहले परिक्रमा का अतिक्रमण हटाकर चौड़ीकरण हुआ फिर अलग दंडवती मार्ग बनाया गया। जबकि यूपी क्षेत्र में अतिक्रमण अभी पूरी तरह नहीं हट पाया। इससे खोही व चोपड़ा मंदिर के पास रास्ता एकदम संकरा हो गया है। जिलाधिकारी नीलम अहलावत ने बताया कि समयाभाव के कारण परिक्रमा मार्ग में कुछ जगह अतिक्रमण नहीं हट पाया लेकिन दंडवती परिक्रमा मार्ग अलग बनाने का काम पूरा कर दिया गया है। खोही व चोपड़ा मंदिर के पास मार्ग संकरा जरूर हो गया है लेकिन यात्रियों के सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है। खोही की मिठाई वाली गली से सिर्फ दंडवती परिक्रमा करने वालों को निकाला जाएगा। चोपड़ा मंदिर के पहले एक वैकल्पिक मार्ग रखा गया है। जिससे जरूरत पड़ने पर श्रद्धालुओं को निकाला जाएगा।

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