दारुल उलूम ने पेरिस पर आतंकी हमले को शर्मनाक बताया
उत्तर प्रदेश के देवबंद स्थित दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में आतंकी हमले की निंदा की है। उन्होंने हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के देवबंद स्थित दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में आतंकी हमले की निंदा की है। उन्होंने हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए। मदरसा जामियातुश शेख हुसैन अहमद अल मदनी के मोहतमिम मौलाना मुजम्मिल अली, तंजीम उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अहमद खिजर शाह मसूदी व कुल हिंद राबता ए मसाजिद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना अब्दुल्लाह इब्नुल कमर अल हुसैनी ने पेरिस में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं पर सख्ती से रोक लगनी चाहिए। दारुल उलूम वक्फ के उस्ताद मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर और इस्लामी विद्वान मौलाना नदीमुल वाजदी ने भी पेरिस के आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। देवबंद मोमिन कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष नसीम अंसारी एड. ने कहा कि हमलों की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन से मुसलमानों का कोई लेना-देना नहीं है।
दारुल उलूम का बजट बढ़ाने पर चर्चा
दारुल उलूम की सुप्रीम पावर मजलिस-ए-शूरा की दो दिवसीय बैठक के प्रथम चरण में विभिन्न विभागों की रिपोर्ट पेश हुई। मेहमानखाने में रविवार सुबह हुई बैठक में महंगाई को देखते हुए इस वर्ष संस्था का सालाना बजट बढ़ाए जाने पर चर्चा की गई। साथ ही कर्मचारियों का वेतन बढ़ाए जाने और तालीम समेत संस्था की बेहतरी के लिए विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श हुआ। पिछले दो वर्षों से दारुल उलूम के सालाना बजट में करीब एक करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो रही है। बढ़ती महंगाई के मद्देनजर इस वर्ष के सालाना बजट में भी भारी बढ़ोतरी होने की संभावना है। सोमवार को होने वाली शूरा की दूसरे व अंतिम दिन की बैठक में सालाना बजट के साथ ही सभी प्रस्ताव पर शूरा सदस्यों द्वारा मोहर लगा दी जाएगी। बैठक में मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी, मुफ्ती सईद पालनपुरी, मौलाना बदरुद्दीन अहमल, मौलाना रहमतुल्लाह कश्मीरी, मौलाना अब्दुल अलीम फारूकी, मौलाना अनवारुर्रहमान बिजनौरी, मौलाना अजहर रांची, मौलाना अहमद खानपुरी मौजूद रहे।