Tablighi Jamaat : कोरोना संक्रमण की चुनौती में सुरक्षा एजेंसियों की जमात, ATS और STF सक्रिय

तब्लीगी जमात के मूवमेंट का पता लगाने के लिए एटीएस एसटीएफ और खुफिया इकाइयों को भी सक्रिय किए जाने के साथ ही दूसरे प्रदेशों की जांच एजेंसियों से भी संपर्क बढ़ा दिया गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sat, 04 Apr 2020 04:50 PM (IST) Updated:Sat, 04 Apr 2020 04:51 PM (IST)
Tablighi Jamaat : कोरोना संक्रमण की चुनौती में सुरक्षा एजेंसियों की जमात, ATS और STF सक्रिय
Tablighi Jamaat : कोरोना संक्रमण की चुनौती में सुरक्षा एजेंसियों की जमात, ATS और STF सक्रिय

लखनऊ [आलोक मिश्र]। CoronaVirus Lockdown in UP : दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए तब्लीगी जमात के लोगों की तलाश के साथ ही उनके मूवमेंट का पता लगाना अब पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। उत्तर प्रदेश में इनका आंकड़ा बढ़ने के साथ ही आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और खुफिया इकाइयों को भी सक्रिय किए जाने के साथ ही दूसरे प्रदेशों की जांच एजेंसियों से भी संपर्क बढ़ा दिया गया है। 

उत्तर प्रदेश में तब्लीगी जमात से लौटे 1281 लोगों की अब तक पहचान हो चुकी है। यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। अब तक की छानबीन में यही माना जा रहा है कि विदेश से आए लोगों से कोरोना का संक्रमण जमात में शामिल अन्य लोगों तक पहुंचा। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि मलेशिया में फरवरी माह में हुई जमात से कई लोग दिल्ली आए थे, जिनके जरिये यह संक्रमण आया। हालांकि जांच एजेंसियां इसे लेकर अभी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी हैं। अफसर भी पूरे प्रकरण में खुलकर कुछ बोलने से कतरा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में सबसे पहले 157 लोगों की सूची सामने आई थी, जिसमें लखनऊ समेत 19 जिले के लोगों के नाम थे। डीजीपी मुख्यालय ने 30 मार्च को इसे संबंधित जिलों में भेजकर रिपोर्ट मांगी थी। सूत्रों का कहना है कि एसआइबी (सहायक आसूचना ब्यूरो) से मिली इस सूची में शामिल केवल चार लोग ही प्रदेश में मिले थे, जिन्हें क्वारंटाइन किया गया। 148 सूबे के बाहर थे, जबकि कुछ के नाम दो बार शामिल हो गए थे। इसके बाद प्रदेश में तब्लीगी जमात की मस्जिदों में छानबीन शुरू की गई।

तब्लीगी मरकज की मस्जिदों में मिले रजिस्टर इसमें पुलिस के बड़े काम आए। इनमें विदेश से आए नागरिकों की जानकारी भी थी, जिसके बाद युद्ध स्तर पर काम शुरू हुआ और शनिवार तक 1281 ऐसे लोगों की पहचान हुई है, जो तब्लीगी जमात में गए थे। जमात में शामिल 296 विदेशी नागरिक भी पहचाने जा चुके हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इन सभी को क्वारंटाइन कर दिया गया है। हालांकि पुलिस के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती इनकी ट्रैवल हिस्ट्री और उन लोगों की जानकारी जुटाने की है, जिनसे इनका सीधा संपर्क हुआ है।

सूत्रों का कहना है कि विदेश से आए कई नागरिकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ही एटीएस को सक्रिय किया गया है। पूरे प्रकरण में किसी साजिश की आशंका को देखते हुए कुछ विदेशी नागरिकों के मूवमेंट की भी सिलसिलेवार छानबीन की जा रही है। सूबे में खुफिया विभाग के 300 से अधिक अधिकारियों व कर्मियों को भी खास टास्क सौंपा गया है।

228 विदेशियों के पासपोर्ट की भी हो रही जांच

पुलिस ने 296 विदेशी नागरिकों में से 228 के पासपोर्ट जांच के लिए अपने कब्जे में लिए हैं। अब तक विदेशी नागरिकों के विरुद्ध 35 एफआइआर दर्ज की गई हैं। कई नेपाल के रास्ते देश में आए थे, जिनके पासपोर्ट के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।

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