Coronavirus Effect : लॉकडाउन से पावर सेक्टर को जबरदस्त झटका, यूपी में प्रतिदिन 30 करोड़ का नुकसान

Coronavirus Effect पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा निजी क्षेत्र को किए जा रहे भुगतान को फिलहाल रोकने की मांग की है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sat, 28 Mar 2020 04:46 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 04:47 PM (IST)
Coronavirus Effect : लॉकडाउन से पावर सेक्टर को जबरदस्त झटका, यूपी में प्रतिदिन 30 करोड़ का नुकसान
Coronavirus Effect : लॉकडाउन से पावर सेक्टर को जबरदस्त झटका, यूपी में प्रतिदिन 30 करोड़ का नुकसान

लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus Effect : कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते लॉकडाउन से देशभर में बिजली की मांग घटने से पावर सेक्टर को जबरदस्त झटका लगा है। आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा निजी क्षेत्र को किए जा रहे भुगतान (एलसी) को फिलहाल रोकने और कर्ज व ब्याज के लिए सब्सिडी देने की मांग की है। फेडरेशन के मुताबिक बिजली की मांग में आई कमी से उत्तर प्रदेश में ही रोजाना 30 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है।

फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने पत्र में लिखा है कि पावर सेक्टर की बड़ी भूमिका है। विद्युत वितरण कंपनियों को बिजली के एवज में निजी उत्पादकों के लिए बैंक में लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) खोलनी पड़ती है, जो कि एक प्रकार से एडवांस भुगतान है। मौजूदा परिस्थिति में कम से कम अगले तीन माह तक वितरण कंपनियों को एलसी खोलने से छूट देनी चाहिए। दुबे का कहना है कि रेलवे, उद्योग व अन्य व्यावसायिक गतिविधियां ठप होने से बिजली की मांग घटी है, जिससे राजस्व को जबरदस्त झटका लगा है। आम उपभोक्ता भी बिजली बिल अदा करने की स्थिति में नहीं है।

32108 मेगावाट घटी मांग

शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि लॉकडाउन के पहले देश में बिजली की मांग 154045 मेगावाट थी, जो कि अब घटकर 121937 मेगावाट रह गई है। उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन खपत 2880 लाख यूनिट से घटकर 2400 लाख यूनिट रह गई है, जबकि देशभर में 35650 से 29750 लाख यूनिट रह गई है। बिजली की खपत घटने से उत्तर प्रदेश में ही 30 करोड़ रुपये प्रतिदिन से ज्यादा का नुकसान हो रहा है, जो कि 21 दिन में 650 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाएगा।

वित्तीय मदद मुहैया कराएं

शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि फेडरेशन ने बिजली का उत्पादन बनाए रखने को कोयले की आपूर्ति के लिए कोल इंडिया और भारतीय रेल को निर्देशित करने की मांग की है। दुबे ने पावर फाइनेंस कंपनी और आरईसी से भी यह कहने को कहा है कि वे बिजली कंपनियों को जरूरत के अनुसार वित्तीय मदद मुहैया कराएं।

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