Coronavirus Effect : संप्रेक्षण गृहों से छोटे अपराध वाले 248 किशोर जमानत पर जल्द होंगे रिहा
Coronavirus Effect हाई कोर्ट की उच्चाधिकार समिति ने छोटे-मोटे अपराध करने वाले 248 किशोरों को छोड़ने का फैसला लिया है। इससे किशोरों के साथ संप्रेक्षण गृहों को भी राहत मिलेगी।
लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus Effect : कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए जेलों के बाद अब संप्रेक्षण गृहों में भी संख्या कम करने की तैयारी शुरू हो गई है। हाई कोर्ट की उच्चाधिकार समिति ने छोटे-मोटे अपराध करने वाले 248 किशोरों को छोड़ने का फैसला लिया है। इससे किशोरों के साथ संप्रेक्षण गृहों को भी राहत मिलेगी। महिला कल्याण विभाग किशोरों को रिहा करने की तैयारी में जुट गया है।
उत्तर प्रदेश में 24 संप्रेक्षण गृह हैं, जिनकी कुल क्षमता 1255 है। वर्तमान में यहां 2260 किशोर रह रहे हैं। इस समय कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए देश में लॉकडाउन चल रहा है। सरकार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दे रही है लेकिन, जेलों व संप्रेक्षण गृहों में क्षमता से अधिक कैदी व किशोर होने के कारण यहां कोरोना से बचाव के उपाय अपनाना आसान नहीं है। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने जेलों व संप्रेक्षण गृहों से कैदियों व किशोरों को रिहा करने के निर्देश दिए थे।
इसी के तहत प्रदेश में हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार समिति ने 248 किशोरों को जमानत देकर रिहा करने का निर्णय लिया है। इनमें ज्यादातर किशोर चोरी, मारपीट जैसे छोटे अपराधों के कारण संप्रेक्षण गृहों में बंद हैं। इनके रिहा होने से संप्रेक्षण गृहों में करीब दो हजार किशोर रह जाएंगे। महिला कल्याण विभाग उच्चाधिकार समिति के सामने बचे हुए कुछ और किशोरों के मामले भी रखेगी। यदि इन्हें भी रिहा करने की इजाजत मिल जाएगी तो संप्रेक्षण गृहों को और राहत मिल जाएगी।