CoronaVirus: साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर की वजह भी बन रहा कोरोना, मन का विश्वास कमजोर करो...ना

CoronaVirus वायरस से संक्रमण के साथ-साथ सामान्यजन भी साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर से पीड़ित। ईरान इटली स्पेन व ब्राजील के वर्ल्ड लिट्रेचर को बनाया स्टडी का आधार।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 10 May 2020 09:59 AM (IST) Updated:Mon, 11 May 2020 07:37 AM (IST)
CoronaVirus: साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर की वजह भी बन रहा कोरोना, मन का विश्वास कमजोर करो...ना
CoronaVirus: साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर की वजह भी बन रहा कोरोना, मन का विश्वास कमजोर करो...ना

लखनऊ [धर्मेन्द्र मिश्रा]। CoronaVirus: देश-दुनिया में तबाही का पर्याय बन चुका कोरोना मरीजों व सामान्य जनों में साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर की वजह भी बन रहा है। इससे लोगों में सीजोफ्रेनिया, मेनिया व डिप्रेशन जैसी गंभीर मानसिक बीमारियां पैदा हो रही हैं। ऐसे मरीज कभी-कभी बेहद उत्तेजित, अनियंत्रित होने के साथ बहकी-बहकी बातें करना, सिर्फ अपनी बात मानने व अकेले में रहना पसंद कर रहे हैं। वह मारपीट, तोड़फोड़ व खूनखराबे पर भी उतारू हो सकते हैं। पांडिचेरी स्थित जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जेआइपीएमईआर) की ओर से की गई एक ताजा स्टडी में यह बात सामने आई है। इस शोध पत्र को एशियन जर्नल ऑफ  साइकेट्री में हाल ही में प्रकाशित किया गया है।

लोहिया संस्थान में न्यूरोसर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक सिंह ने बताया कि इस शोधपत्र की स्टडी को गंभीरता से लेते हुए अमेरिका व यूरोपियन देशों ने अपने यहां तत्काल प्रभाव से इसके लिए ऑनलाइल काउंसिलिंग भी शुरू कर दी है। क्योंकि पश्चिमी देशों में ही सोशल डिसऑर्डर का असर अधिक है।अपने यहां भी आइसीएमआर जल्द ही इसके लिए देश भर में ऑनलाइल काउंसिलंग शुरू करने पर विचार कर रहा है। यह बीमारी सामान्य लोगों के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों को भी जद में ले रही है, जिससे अनिंद्रा व बेचैनी भी बढ़ रही है। 

28 से 50 फीसद में डिसऑर्डर 

स्टडी के अनुसार 28 से 50 फीसद तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों में यह डिसअॉर्डर देखा जा रहा है। वहीं करीब आठ फीसद मरीज इस वजह से सीवियर साइकोलॉजिकल स्ट्रेस के शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा जिन्हें कोरोना नहीं है, लेकिन उन्हें भविष्य में संक्रमित होने की आशंका सता रही है और जो इसके कुप्रभावों से अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, उनमें 16 से 28 फीसद तक यह बीमारी देखी जा रही है।  

वर्ल्ड लिट्रेचर को बनाया स्टडी का आधार

जेआइपीएमईआर के एडिशनल प्रो. व मेमोरी क्लीनिक के विभागाध्यक्ष डॉ. रवि फिलिप राजकुमार ने कोरोना की वजह से हो रहे साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर का पता लगाने के लिए वर्ल्ड लिट्रेचर का सहारा लिया। इसके लिए उन्होंने ईरान, इटली, स्पेन व ब्राजील के प्रभावित लोगों पर असर का बारीकी से अध्ययन किया।

कैसे करें बचाव

अपनी दिनचर्या को पहले की तरह नियमित रखें, रुचि के कार्यों में मन लगाएं, हंसी-ठिठोली वाले कार्यक्रम देखें, नकारात्मक न सोचें, पानी खूब पिएं, स्ट्रेस में डालने वाली खबरों से दूर रहें, रोजाना ध्यान व प्रणायाम करें, व्यवहार में परिवर्तन व डिप्रेशन बढ़ने पर काउंसिलिंग कराएं। अगर कोरोना हो भी जाए तो यह सोचें कि 95 फीसद तक मरीज बगैर दवा के ठीक भी हो रहे हैं, आप भी स्वस्थ होकर लौटेंगे।

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