जौनपुर में धर्मांतरण कर शादी की सूचना पर हड़कंप

जौनपुर के मछलीशहर कस्बे में किशोरी द्वारा धर्म परिवर्तन कर शादी करने की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीएम व एसपी भी फोर्स के साथ मछलीशहर पहुंच गए। हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने आलाधिकारियों से वार्ता के दौरान 48 घंटे के भीतर लड़की को वापस करने की

By Nawal MishraEdited By: Publish:Fri, 24 Apr 2015 08:14 PM (IST) Updated:Fri, 24 Apr 2015 08:15 PM (IST)
जौनपुर में धर्मांतरण कर शादी की सूचना पर हड़कंप

लखनऊ। जौनपुर के मछलीशहर कस्बे में किशोरी द्वारा धर्म परिवर्तन कर शादी करने की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीएम व एसपी भी फोर्स के साथ मछलीशहर पहुंच गए। हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने आलाधिकारियों से वार्ता के दौरान 48 घंटे के भीतर लड़की को वापस करने की मांग की। धर्मांतरण कराने वाले कथित युवक तथा किशोरी के परिवार के मुखिया को पुलिस ने तीन घंटे तक हिरासत में रखकर पूछताछ की। नगर के एक चिकित्सक की पुत्री का एक मुस्लिम युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों घर से लगभग दो माह पहले भाग गए। तीन सप्ताह पूर्व वे लौटे और शादी रचा ली। 18 अप्रैल को हाईकोर्ट से निजी जिंदगी में प्रशासन या किसी अन्य द्वारा दखल न देने संबंधी आदेश भी प्राप्त कर लिया। इसके बाद 21 अप्रैल को मुस्लिम रीति रिवाज से निकाह कर लिया। यह बात हिंदू संगठनों को पता चली तो पदाधिकारी चिकित्सक के घर पहुंचे और धर्म परिवर्तन पर आपत्ति जताई। संगठनों ने परिवार पर लड़की को वापस लाने का दबाव बनाया, किंतु चिकित्सक द्वारा हीलाहवाली करने पर खुद मोर्चा खोलने का निर्णय लिया। शुक्रवार को मामले की प्राथमिकी दर्ज कराने ये लोग मछलीशहर कोतवाली पहुंचे। इस सक्रियता पर प्रशासन में हड़कंप मच गया और डीएम-एसपी खुद पहुंच गए। दोनों परिवारों के मुखिया से पहले आधे घंटे तक मछलीशहर कोतवाली में, फिर बढ़ती भीड़ देखकर सिकरारा थाने ले जाकर ढाई घंटे तक पूछताछ की गई।

हिंदू संगठन के पदाधिकारी संतों की शरण में

साध्वी विभा के नेतृत्व में बैठक कर हिंदू संगठन के पदाधिकारियों ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया कि उन्हें 48 घंटे के भीतर लड़की चाहिए। इसके लिए अब वे संतों की शरण में जा रहे हैं। हिंदू संगठनों ने जब लड़की की बरामदगी 48 घंटे के भीतर करने की मांग की तो प्रशासन ने अक्षमता जताई। अधिकारियों ने लड़के पक्ष द्वारा उच्च न्यायालय से प्राप्त आदेश का हवाला दिया तो हिंदू संगठन अड़ गए। अब वे संतों को एकत्रित करने के लिए काशी, प्रयाग, चित्रकूट, कानपुर आदि स्थानों के संपर्क में हैं।

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