भाजपा-सपा-बसपा सरकारों की बखिया उधेड़ने की तैयारी में कांग्रेस, बुकलेट बताएगी 'किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश'

UP Assembly Election 2022 बसपा भाजपा और सपा को चोर-चोर मौसेरे भाई साबित करने के अपने इस अभियान को कांग्रेस नियोजित तरीके से आगे बढ़ाने में जुटी है। कांग्रेस ने इसके लिए किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश? नाम से बुकलेट छपवायी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 26 Aug 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 26 Aug 2021 05:47 PM (IST)
भाजपा-सपा-बसपा सरकारों की बखिया उधेड़ने की तैयारी में कांग्रेस, बुकलेट बताएगी 'किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश'
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका वाड्रा गांधी।

लखनऊ [राजीव दीक्षित]। उत्तर प्रदेश में सियासी वनवास भोग रही कांग्रेस पिछले तीन दशकों के दौरान यूपी में सत्तारूढ़ रहीं भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल की बखिया लोगों के बीच उधेड़ेगी। अपने कार्यकर्ताओं के जरिये वह जनता को यह बताएगी कि कैसे इन तीन पार्टियों के कुशासन और भ्रष्टाचार ने प्रदेश को गर्त में धकेल दिया है।

बसपा, भाजपा और सपा को 'चोर-चोर मौसेरे भाई' साबित करने के अपने इस अभियान को कांग्रेस नियोजित तरीके से आगे बढ़ाने में जुटी है। कांग्रेस ने इसके लिए 'किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश?' नाम से बुकलेट छपवायी है। अखबारों में छपी खबरों की कटिंग, फोटो, सारणियों और कैरिकेचर से सुसज्जित 20 पन्नों की इस बुकलेट में पार्टी ने तीनों दलों की सरकारों की 'कारगुजारियां' उजागर करने की कोशिश की है।

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी न्याय पंचायत समितियों, वार्डों के अध्यक्षों, शहर और जिला कमेटियों और फ्रंटल संगठनों के जिलाध्यक्षों के लिए सोमवार से जिलेवार आयोजित किये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह किताब कार्यकर्ताओं को बांटी जा रही है। कार्यक्रम में 'किसने बिगाड़ा उत्तर प्रदेश?' नामक विशेष सत्र भी आयोजित किया जा रहा है।

इस बुकलेट में कोरोना काल में मचे हाहाकार के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताया गया है तो उस पर रोजगार के मोर्चे पर युवाओं को छलने का इल्जाम भी लगाया गया है। किसानों की समस्याओं के लिए उसे कुसूरवार ठहराने के साथ जमीनी सच्चाई से इतर अपनी उपलब्धियों के हवाई दावे करने वाला बताया गया है।

बुकलेट के तीन पन्ने सपा शासनकाल के दौरान पनपे कथित कुनबावाद, जंगलराज, जातिवाद और भ्रष्टाचार को समर्पित हैं। सपा शासनकाल में लोक सेवा आयोग से लेकर पुलिस की भर्तियों में जाति विशेष के वर्चस्व का जिक्र किया गया है। सपा शासनकाल में प्रदेश में हुए सांप्रदायिक दंगों के अलावा मथुरा के जवाहर बाग कांड की भी याद दिलाई गई है। इसी तरह बसपा अध्यक्ष मायावती को दौलत की बेटी बताते हुए उन पर नोटों की माला पहनने और पार्टी के टिकट बेचने का आरोप लगाया गया है।

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