सीएम योगी ने राज्य मंत्रियों से मिलकर सुनी उनके 'मन की बात', कहा- जिलों में रात गुजारें प्रभारी मंत्री

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभारी मंत्रियों को अपने आवंटित जिलों में जनता की समस्याएं जानने के लिए रात गुजारनी होगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 20 Dec 2019 11:28 PM (IST) Updated:Sat, 21 Dec 2019 09:00 AM (IST)
सीएम योगी ने राज्य मंत्रियों से मिलकर सुनी उनके 'मन की बात', कहा- जिलों में रात गुजारें प्रभारी मंत्री
सीएम योगी ने राज्य मंत्रियों से मिलकर सुनी उनके 'मन की बात', कहा- जिलों में रात गुजारें प्रभारी मंत्री

लखनऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभारी मंत्रियों को अपने आवंटित जिलों में जनता की समस्याएं जानने के लिए रात गुजारनी होगी। विकास एजेंडा लागू करने में लापरवाही व ढिलाई बरतने वालों के नाम भी दिए जाएं ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके।

शुक्रवार को कालिदास मार्ग स्थित अपने आवास पर मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्रियों के साथ स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों को भी चाय पर सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं को निचले स्तर तक पहुंचाने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्रों में अधिकतम समय बिताएं और जनता की समस्याओं का निराकरण भी कराएं। जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति समीक्षा करें और ढिलाई बरतने वालों की जानकारी दें। प्रभारी मंत्रियों को आवंटित जिलों में रात भी गुजारनी चाहिए ताकि वास्तविक स्थिति का पता चल सके। विकास कार्यों का मौके पर निरीक्षण करें और तय समय सीमा में ही पूरा कराने पर बल दें। कुछ मंत्रियों के अपना दर्द बताने की कोशिश की तो उन्हें पत्र में लिखकर देने को कहा गया।

राजनीतिक हालात पर चर्चा, डैमेज कंट्रोल में जुटने को कहा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता कानून के कारण बने हालात पर भी नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनता में भ्रम फैलाकर विरोधी दल राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति को देखते हुए मंत्रियों को अपने क्षेत्रों में सकारात्मक माहौल बनाते हुए कानून की वास्तविक स्थिति बताने का काम करना चाहिए। खासतौर से प्रदेश में नागरिकता कानून को लेकर विपक्ष द्वारा बनाए जा रहे तनावपूर्ण वातावरण को खत्म करने के लिए गोष्ठियों और बैठकें आयोजित करने की सलाह दी।

व्यवहार में संयम और संवाद में सावधानी बरतें

मुख्यमंत्री ने नंदकिशोर गुर्जर प्रकरण का जिक्र किए बिना राज्य मंत्रियों को अपने व्यवहार में संयम व संवाद में सावधानी बरतने को आग्रह किया। उनका कहना था कि जनअपेक्षा अधिक होने के कारण विधायकों और मंत्रियों को नाते रिश्तेदारों से दूरी बना कर रखनी चाहिए। विवाद की स्थिति में मिल बैठ कर निपटाने की कोशिश करें। उनके दरवाजे सबके लिए सदैव खुले हैं। करीब सवा घंटा चली इस बैठक मेें प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी मौजूद थे।

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