किसानों संग बैठक में सीएम योगी ने दिल खोलकर कीं घोषणाएं, वापस होंगे पराली जलाने के मुकदमे; बढ़ेगा गन्ना मूल्य

उत्तर प्रदेश के प्रगतिशील किसानों के साथ अहम बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल्द गन्ना मूल्य बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कर दीं। सीएम योगी ने घोषणा की है कि पराली जलाने को लेकर हुए सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 09:31 PM (IST) Updated:Thu, 26 Aug 2021 09:25 AM (IST)
किसानों संग बैठक में सीएम योगी ने दिल खोलकर कीं घोषणाएं, वापस होंगे पराली जलाने के मुकदमे; बढ़ेगा गन्ना मूल्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के साथ की बैठक।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। भाजपा किसान मोर्चा संगठन की टीमों को गांव-गांव दौड़ाकर किसानों के मन की बात जान चुकी योगी सरकार ने किसानों को खुश करने के लिए दिल खोल दिया। उत्तर प्रदेश के प्रगतिशील किसानों के साथ हुई अहम बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल्द गन्ना मूल्य बढ़ाने सहित कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कर दीं। पराली का सिरदर्द कम करते हुए खास तौर पर पश्चिम के किसानों को बड़ी राहत देते हुए योगी ने घोषणा की है कि पराली जलाने को लेकर हुए सभी मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

कृषि कानून विरोधी आंदोलन को हवा देने की पूरी कोशिश विपक्षी दलों ने लगातार की, लेकिन चुनाव के ऐन पहले योगी सरकार ने इन सारे प्रयासों को विफल करने का बड़ा दांव चला है। लगभग 90 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा किसान मोर्चा के किसान संवाद कार्यक्रम से रिपोर्ट तैयार की गई। उसके बाद बुधवार को प्रगतिशील किसानों के साथ मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर बैठक बुलाई गई। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से बातचीत कर उनके मन को टटोला। फिर किसान हित को सरकार की शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए कई घोषणाएं कर डालीं। सीएम योगी ने कहा कि फसल अवशेष (पराली) जलाने के कारण किसानों पर दर्ज मुकदमों को सरकार वापस लेगी और उन पर लगा जुर्माना भी माफ होगा। सरकार का यह फैसला वैसे तो सभी किसानों के हित में है, लेकिन पश्चिम के लिए यह बड़ा मुद्दा रहा है।

गन्ना किसानों की मांग को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2010 से बकाया रहे अधिकांश गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। अब सरकार गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी करने जा रही है। सभी संबंधित पक्षों से विमर्श कर बहुत जल्द इस बारे में घोषणा की जाएगी। नए पेराई सत्र से पहले बकाया गन्ना मूल्य के पूरे भुगतान की बात भी सीएम ने कही है। साथ ही नए पेराई सत्र की तारीख भी तय कर दी। उन्होंने कहा कि पश्चिम क्षेत्र में 20 अक्टूबर से चीनी मिलें शुरू हो जाएंगी, जबकि मध्य क्षेत्र में 25 अक्टूबर से मिलें चलेंगी। पूर्वी क्षेत्र की मिलें नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएंगी। इस पर किसानों ने तालियां बजाकर आभार जताया।

बैठक में किसानों के बिजली बिल बकाए की बात भी सामने आई। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बिजली बिल बकाया होने के कारण एक भी किसान का कनेक्शन कतई न काटा जाए। साथ ही किसानों को आश्वस्त किया कि बिजली बिल बकाए पर उन्हें ब्याज न देना पड़े, इसके लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) भी लाई जाएगी। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और गन्ना मंत्री सुरेश राणा भी उपस्थित थे।

किसानों को याद दिलाए किसान हित के काम : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई घोषणाओं के साथ अब तक किसान हित में किए गए काम भी किसानों को बताए। चीनी का कटोरा कहे जाने वाले पूर्वांचल और गन्ना बेल्ट के पश्चिमी यूपी की चर्चा करते हुए कहा कि 2017 से पहले की सरकारों ने बदनीयती से चीनी मिलों को बंद किया। 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद चौधरी चरण सिंह की भूमि रमाला हो या पिपराइच और मुंडेरवा, कहीं नई चीनी मिलें लगीं तो कहीं पुराने का जीर्णोद्धार कराकर फिर चलाया गया। कहीं क्षमता बढ़ोतरी हुई तो कहीं आधुनिकतम तकनीक से लैस मशीनें लगाई गईं। किसानों के साथ आकंड़े साझा करते हुए योगी ने बताया कि वर्ष 2007 से 2016 तक मात्र 95 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान हुआ था। 2010 के बाद से 96 माह तक सब बकाया था। बीते साढ़े चार वर्षों में 1.42 लाख करोड़ का भुगतान हुआ है। आज मात्र चार माह का बकाया है। वर्तमान सत्र के 82 फीसद मूल्य का भुगतान कर दिया गया है।

गन्ना मूल्य 400 रुपये करने की उठी मांग : करीब दो घंटे चली इस बैठक में 155 किसान शामिल हुए। करीब सात-आठ किसानों ने अपनी बात रखी। इनमें भारतीय किसान संघ की ओर से प्रदेश संयोजक, गन्ना श्यामवीर त्यागी ने कुछ मांगें रखीं। उन्होंने गन्ना मूल्य को अधिकतम 325 से बढ़ाकर 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की। गन्ना सर्वेक्षण पहले की तरह मंडल स्तर पर कराने और गन्ना खरीद को 780 से बढ़ाकर एक हजार रुपये क्विंटल प्रति हेक्टेयर करने का अनुरोध किया।

बेसहारा पशु भी हैं समस्या : कुछ किसानों ने बेसहारा पशुओं की वजह से फसलों को होने वाले नुकसान का हवाला देते हुए गोशालाओं को व्यवस्थित करने का सुझाव दिया। इस पर योगी ने कहा कि गोशालाओं को व्यवस्थित किया जा रहा है। अब इसके लिए कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

खिले किसानों के चेहरे, कही दिल की बात

बाराबंकी के राम शरण वर्मा ने कहा कि किसान सम्मान निधि जैसे प्रयास किसानों के खाद-बीज के लिए पैसों की चिंता खत्म करने वाले हैं। कृषि उपकरणों पर 80 फीसद तक सरकारी अनुदान यही सरकार दे रही है। आज किसान देश में कहीं भी अपनी फसल बेच सकता है। मैं खुद अपना उपजाया हुआ केला पंजाब में बेचता हूं। सीधे हमारे खाते में एमएसपी की रकम आ रही है। बागपत के देवेंद्र गुर्जर कहते हैं कि हम बागपत वाले हैं। अपराधियों का खौफ हमने झेला है। अब तक बातें होती थीं, आज काम हो रहा है। एक वक्त था कि रात में पांच घंटे बिजली आती थी। जान-माल का खतरा अलग से रहता था। आज दो बजे रात में भी निश्चिंत होकर कहीं आइए-जाइये, कोई डर नहीं रहा है। इसके साथ्ज्ञ ही बिजली भी भरपूर मिल रही है।

सहारनपुर के हरवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने वाले हैं। गन्ना किसानों का बकाया खत्म हुआ। हमारी दुश्वारी खत्म हुई। बस अनुरोध यह है कि बिजली बिल बकाए पर किसानों का कनेक्शन न कटे। फसल अवशेष जलाने पर दंड न मिले। मुझे पूरा भरोसा है कि योगी जी हमारी बात जरूर मानेंगे। लखीमपुर खीरी धर्मपाल मौर्य ने कहा कि कभी सपने में नहीं सोचा था कि मुख्यमंत्री आवास पर सम्मान होगा। योगी जी! आपके राज में गेहूं बुवाई समय से हुई। गन्ना के लिए ईआरपी प्रणाली की जितनी सराहना की जाए, कम है। बिचौलिए खत्म करा दिए आपने। गन्ना उपज बढ़ाने के लिए पंचामृत योजना बहुत लाभकारी सिद्ध हो रही है। बहुत आभार, धन्यवाद।

गोंडा के प्रवीन कुमार कहते हैं कि पूर्वांचल चीनी का कटोरा था। पिछली सरकारों ने सब समाप्त करने का षड्यंत्र किया। आपने मुंडेरवा और पिपराइच चीनी मिल को दोबारा चालू कराया। गोरखपुर खाद कारखाना को बंद होते देखा है, आज दोबारा चलने जा रहा है। कोरोना काल में चीनी मिलें चलवाकर आपने हमें आत्महत्या करने से बचाया। मेरठ के वेदव्रत आर्य ने कहा कि टीवी में देखा था 5-कालिदास मार्ग, मुख्यमंत्री आवास। आज भीतर बैठकर मुख्यमंत्री से बात कर रहा हूं। भरोसा नहीं हो रहा। योगी जी! आपने किसान की सुरक्षा सुनिश्चित की। कभी टयूबवेल के पंखे तक गायब हो जाते थे, आज तो कोई एक फांवड़ा भी नहीं छूता। गन्ना पर्ची की ईआरपी प्रणाली क्रांतिकारी है।

chat bot
आपका साथी