उत्तर प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में खेल-खेल में शिक्षा के पथ पर चलने का हुनर सीखेंगे नौनिहाल

उत्तर प्रदेश में अगले साल से आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह वर्ष के नौनिहाल खेल और मनोरंजक गतिविधियों के जरिये स्कूली शिक्षा को आत्मसात करने का हुनर सीखेंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं संचालित करने की तैयारी जोरशोर से जारी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 08:32 AM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 08:32 AM (IST)
उत्तर प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में खेल-खेल में शिक्षा के पथ पर चलने का हुनर सीखेंगे नौनिहाल
आंगनबाड़ी केंद्रों पर यूनीसेफ ने पहल नामक एक्टिविटी बेस्ड हैंडबुक विकसित की है।

लखनऊ [राजीव दीक्षित]। उत्तर प्रदेश में अगले साल से आंगनबाड़ी केंद्रों में तीन से छह वर्ष के नौनिहाल खेल और मनोरंजक गतिविधियों के जरिये स्कूली शिक्षा को आत्मसात करने का हुनर सीखेंगे। आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं संचालित करने की तैयारी जोरशोर से जारी है।

नई शिक्षा नीति ने आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा के केंद्रों के तौर पर संचालित करने की पैरोकारी की है। उत्तर प्रदेश के 1,87,997 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 1,10,979 परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के परिसरों में ही संचालित हैं। अगले सत्र से सभी केंद्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं बच्चों को शिक्षा के औपचारिक संसार में मजबूती से कदम रखने के लिए उनमें बुनियादी कौशल विकसित करतीं नजर आएंगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग और यूनीसेफ के सहयोग से तैयार कार्ययोजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों में गतिविधियों के माध्यम से जीवनपर्यंत सीखने की दक्षताएं विकसित करने के लिए यूनीसेफ ने पहल नामक एक्टिविटी बेस्ड हैंडबुक विकसित की है। यह सचित्र पुस्तिका विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों को भाषा और गणित सीखने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में सहायक होगी। कार्यकर्ताओं को एक कैलेंडर के अनुसार बच्चों को संबंधित गतिविधियां करानी होंगी। वहीं नेशनल अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत एससीईआरटी ने बच्चों के लिए उनकी उम्र के हिसाब से तीन एक्टिविटी बुक तैयार की हैं जिनके प्रकाशन की तैयारी है। यह पुस्तकें तीन से चार, चार से पांच और पांच से छह वर्ष के बच्चों को दी जाएंगी। केंद्रों पर रोजाना चार घंटे बच्चों में गतिविधि आधारित बुनियादी दक्षताएं विकसित करने का इरादा है।

केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षा के संचालन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने की खातिर राज्य स्तर पर 300 सदस्यीय स्टेट रिसोर्स ग्रुप, जिला स्तर के लिए 450 सदस्यीय डिस्ट्रिक्ट लेवल ट्रेनर्स और 3528 ब्लॉक लेवल ट्रेनर्स को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया चल रही है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट लेवल ट्रेनर्स तक का प्रशिक्षण नवंबर में पूरा हो जाएगा। दिसंबर-जनवरी में ब्लॉक लेवल ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। फरवरी-मार्च में प्रत्येक ब्लॉक रिसोर्स सेंटर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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