मनीषा मंदिर प्रकरण : संचालिका के खिलाफ चार दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल

मनीषा मंदिर प्रकरण में आरोपित संचालिका की बढ़ सकती हैं मुश्किलें। एसएसपी ने दैनिक जागरण की खबरों का संज्ञान लेकर विवेचक को दिए निर्देश।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 04:46 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 04:46 PM (IST)
मनीषा मंदिर प्रकरण : संचालिका के खिलाफ चार दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल
मनीषा मंदिर प्रकरण : संचालिका के खिलाफ चार दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल

लखनऊ, जागरण संवाददाता। मनीषा मंदिर की संचालिका डॉ. सरोजिनी अग्रवाल के खिलाफ विवेचक दारोगा पंकज सिंह ने चौथे दिन ही चार्जशीट फाइल कर दी है। उन्होंने इस बड़े मामले को गंभीरता से लिया और बेहद कम समय में विवेचना पूरी कर ली। विवेचक का कहना है कि जेजे एक्ट का उल्लंघन करने की धाराओं में जो भी आरोप पाए गए हैं उसे शामिल करते हुए चार्जशीट फाइल की गई है। विवेचक के मुताबिक बच्चियों के बयान से आइपीसी की कोई धारा नहीं बन रही थी। संचालिका को बयान के लिए 41 ए के अंतर्गत नोटिस भी दे दी है। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने दैनिक जागरण की खबरों का संज्ञान लेकर विवेचक को पूरे मामले में जल्द चार्जशीट फाइल करने का निर्देश दिया था।

विवेचक एसएसपी की उम्मीद पर खरा उतरे और उन्होंने मंगलवार को सभी 14 बच्चियों, न्यायालय बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्यों के बयान दर्ज कर लिए। मनीषा मंदिर जाकर संचालिका से घंटेभर पूछताछ करके विवेचक ने उन्हें नोटिस भी तामील करा दी। गौरतलब है कि गोमतीनगर स्थित मनीषा मंदिर से शनिवार को मुक्त कराईं गईं 14 बच्चियों को प्रताडि़त करने के मामले में समिति के अध्यक्ष की ओर से रविवार को जेजे एक्ट (बाल किशोर अधिनियम) की धाराओं में एफआइआर कराई गई थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि बच्चियों को शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा दी गई।

तीन वर्ष तक की हो सकती है सजा

जेजे एक्ट के तहत जिस सेक्शन में चार्जशीट फाइल की गई है, उसमें तीन साल तक की सजा का प्राविधान है। अगर मनीषा मंदिर की संचालिका पर लगे आरोप न्यायालय में सिद्ध हो जाते हैं, तो उन्हें तीन साल की सजा हो सकती है।

या है मामला 20 सितंबर को न्यायालय बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने गोमतीनगर स्थित मनीषा मंदिर का निरीक्षण किया। 22 सितंबर को न्यायालय बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने निरीक्षण किया और वहां रहने वाली सभी 14 बालिकाओं को रेस्क्यू किया और उन्हें राजकीय बालगृह शिशु और राजकीय बालगृह बालिका में शिफ्ट किया। 23 सितंबर को न्यायालय कल्याण समिति की ओर से मनीषा मंदिर की संस्थापिका डॉ.सरोजिनी अग्रवाल के विरुद्ध गोमती नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। 24 सितंबर को श्रम विभाग और महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से रिपोर्ट मांगी गई। 25 सितंबर को पुलिस ने बालिकाओं और न्यायालय बाल कल्याण समिति के सदस्यों के साथ ही संस्थापिका डॉ.सरोजिनी अग्रवाल से पूछताछ की।

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