UP के पॉलीटेक्निक संस्थानों में शुरू होंगे सर्टिफिकेट कोर्स, प्रशिक्षण के साथ मिलेगी नौकरी

प्राविधिक शिक्षा परिषद ने यूपी के पॉलीटेक्निक संस्थानों में कौशल विकास मिशन के तहत अल्प अवधि के कोर्स संचालित करने का प्रस्ताव तैयार किया था जिसे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने संचालन के लिए हरी झंडी दे दी है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Fri, 02 Jul 2021 11:01 AM (IST) Updated:Fri, 02 Jul 2021 02:58 PM (IST)
UP के पॉलीटेक्निक संस्थानों में शुरू होंगे सर्टिफिकेट कोर्स, प्रशिक्षण के साथ मिलेगी नौकरी
उत्‍तर प्रदेश के पॉलीटेक्‍निक संस्‍थानों में अब रोजगारपरक सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू।

लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। पॉलीटेक्निक संस्थानों में तीन साल के डिप्लोमा के साथ ही अब अल्पकालीन तकनीकी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। रोजगारपरक सर्टिफिकेट कोर्स को संचालित करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी परिषद की ओर से हरी झंडी मिल गई है।

प्राविधिक शिक्षा परिषद ने पॉलीटेक्निक संस्थानों में कौशल विकास मिशन के तहत अल्प अवधि के कोर्स संचालित करने का प्रस्ताव तैयार किया था जिसे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने संचालन के लिए हरी झंडी दे दी है। कोरोना संक्रमण के चलते अभी कोर्स के संचालन को लेकर मंथन चल रहा है। कौशल विकास मिशन के तहत सभी संस्थानों में अगले महीने के अंत तक सेंटर खोलने का कार्य पूरा होने की संभावना है। लखनऊ समेत प्रदेश के सभी 150 सरकारी और 19 सहायता प्राप्त संस्थाओं में कोर्स का संचालन किया जाएगा।

प्रशिक्षण के साथ मिलेगी नौकरी: हाईस्कूल या इंटर पास युवा जिनकी उम्र 14 से 35 वर्ष के बीच हैं, वे प्रशिक्षण में प्रवेश ले सकते हैं। इसके लिए युवाओं को उप्र कौशल विकास मिशन के वेबपोर्टल (यूपीएसडीएम.जीओवी.इन) पर पंजीयन कराना होगा। पोर्टल पर ही ट्रेडों की जानकारी मिल जाएगी। कौशल विकास मिशन की ओर से 52 सेक्टरों में 634 ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाता है। 90 दिन से 180 दिनों के कोर्स का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पॉलीटेक्निक संस्थानों की ओर से युवाओं को नौकरी भी दिलाई जाएगी।

प्राविधिक शिक्षा परिषद सचिव एसके सोनकर ने बताया कि प्रदेश सरकार की पहल पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से अनुमति मांगी गई थी। अनुमति मिलने के साथ ही कौशल विकास केंद्र के संचालन की प्रक्रिया शुरू होगी। कोरोना संक्रमण के चलते आनलाइन संचालन को लेकर मंथन किया जा रहा है। सेंटर खुलने से कम पढ़े लिखे बेरोजगारों को प्रशिक्षण के साथ नौकरी के अधिक अवसर भी मिलेंगे।

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