राफेल विमान सौदे पर बहुप्रतीक्षित कैग रिपोर्ट जनता की नज़र में न पूरी और न सहीः मायावती

राफेल विमान सौदे पर बहु-प्रतीक्षित सीएजी रिपोर्ट जनता की नज़र में आधी अधूरी है। यह न तो सम्पूर्ण और न ही पूरी तरह से सही है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 13 Feb 2019 05:22 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 05:37 PM (IST)
राफेल विमान सौदे पर बहुप्रतीक्षित कैग रिपोर्ट जनता की नज़र में न पूरी और न सहीः मायावती
राफेल विमान सौदे पर बहुप्रतीक्षित कैग रिपोर्ट जनता की नज़र में न पूरी और न सहीः मायावती

लखनऊ, जेएनएन। राफेल विमान सौदे पर बहु-प्रतीक्षित सीएजी रिपोर्ट जनता की नज़र में आधी अधूरी है। यह न तो सम्पूर्ण और न ही पूरी तरह से सही है। भाजपा सरकार में संवैधानिक संस्थाएं अपना काम पूरी ईमानदारी से नहीं कर पा रही हैं। यह देश के लिए चिंता का विषय है। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में बुधवार को सीएजी की ओर से रिपोर्ट पेश की गई।

राफेल विमान सौदे पर बहु-प्रतीक्षित सीएजी रिपोर्ट जनता की नज़र में आधी अधूरी। यह न तो सम्पूर्ण और न ही पूरी तरह से सही। बीजेपी सरकार में क्यों संवैधानिक संस्थाये अपना काम पूरी ईमानदारी से नहीं कर पा रही हैं? देश चिन्तित है।— Mayawati (@Mayawati) February 13, 2019

सदन में पेश रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार ने यूपीए के मुकाबले सस्ते दामों पर राफेल विमान की खरीद की है। हालांकि रिपोर्ट में कीमत का खुलासा नहीं किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि मोदी सरकार ने यूपीए के मुकाबले 2.86 फीसद सस्ती दरों पर इन विमानों की खरीद की है। 

राफेल डील पर क्या कह रही कैग रिपोर्ट

वायुसेना कैपिटल एक्विज़िशन्स पर कैग रिपोर्ट में 16 पन्नों में राफेल की जानकारी  मोदी सरकार का 9 फीसदी सस्ती डील का दावा कैग रिपोर्ट से खारिज हुआ। एनडीए सरकार की राफेल डील पिछली सरकार से 2.86 फीसदी सस्ती। फ्लाई अवे प्राइस (तैयार विमान) यूपीए सरकार की डील के बराबर। कैग रिपोर्ट में राफेल विमान के दाम को नहीं बताया गया है। डील (36 विमान) में पिछली डील (126 विमान) का करीब 17.08 फीसदी पैसा बचा। रक्षा मंत्रालय को कई चरणों में डील को फाइनल करने में मुश्किलें पेश आई। पिछली डील में विमान डिलीवरी 72 माह में होनी थी लेकिन 71 माह में हो रही है। 2016 में सोवरन गारंटी और लेटर ऑफ कम्फर्ट को फ्रांस पीएम के समक्ष रखा जाएगा। शुरुआती 18 राफेल विमान पिछली डील के मुकाबले 5 महीने पहले ही भारत में आ जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने 2019 में बताया कि नई डील में बेसिक प्राइस 9 फीसदी सस्ता है।  नई डील में 2007 में 126 विमान के लिए पेश ऑफर की तुलना में सस्ता था।
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