SGPGI: सिर से नहीं नाक से निकाला मरीज का ब्रेन ट्यूमर, बिना चीरा लगाए हुआ ऑपरेशन

लखनऊ में एसजीपीजीआइ में न्यूरो सर्जरी पर कार्यशाला बिना बेहोश किए ऑपरेशन। मरीज का नाक से निकाला ब्रेन ट्यूमर।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 28 Feb 2020 08:34 PM (IST) Updated:Sat, 29 Feb 2020 08:31 AM (IST)
SGPGI: सिर से नहीं नाक से निकाला मरीज का ब्रेन ट्यूमर, बिना चीरा लगाए हुआ ऑपरेशन
SGPGI: सिर से नहीं नाक से निकाला मरीज का ब्रेन ट्यूमर, बिना चीरा लगाए हुआ ऑपरेशन

लखनऊ, जेएनएन। पीजीआइ में 35 और 55 वर्षीय मरीजों के ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी की गईं। एक मरीज को बिना बेहोश किए ऑपरेशन किया गया वहीं दूसरे में नाक के जरिए  ब्रेन से ट्यूमर को निकाला गया। 

न्यूरो सर्जरी विभाग द्वारा कंट्रोवर्सी इन न्यूरो सर्जरी विषय कार्यशाला हुई। इसमें मरीजों की सर्जरी को लाइव दिखाया गया। दो सौ से अधिक न्यूरो सर्जन ने ऑपरेशन की बारीकी सीखी। विभाग के प्रमुख डॉ. संजय बिहारी, आयोजक डॉ. कमेश सिंह बैसवार, डॉ. कुंतल कांति दास के मुताबिक 35 वर्षीय व्यक्ति के ब्रेन के बाएं हिस्से में ट्यूमर था। मरीज को झटके आ रहे थे। बोलने व पहचान करने की क्षमता गड़बड़ाने का खतरा था। ट्यूमर का साइज पांच सेमी का था। इसमें बिना बेहोश किए ही ट्यूमर का निकाला गया। ट्यूमर निकालने के बाद तुरंत देखा जाना था कि मरीज की बोलने और पहचान की शक्ति तो नहीं जा रही है।

ऐसे में सर्जरी के दौरान मरीज को होश में रख कर, उससे बात करते हुए ऑपरेशन किया गया। इस सर्जरी को कोचीन के न्यूरो सर्जन प्रो. दिलीप पाणीकर, प्रो. आलोक कुमार और संस्थान के एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ. देवेंद्र गुप्ता और प्रो. शशि ने किया। डॉ. बिहारी ने बताया कि न्यूरो सर्जरी को स्थापित करने वाले प्रो. डीके छाबड़ा व प्रो.वीके जैन के सम्मान में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें जापान के डॉ. सोतो, पुर्तगाल के डॉ. मैनुअल और अमेरिका के डॉ. अनिल नंदा शामिल होंगे।

आंख की रोशनी होने लगी थी कम

50 वर्षीय पुरुष के ब्रेन स्टेम ( दिमाग की निचली सतह) में प्लेनम मैनिनजियोमा ट्यूमर चार सेमी का था। इसकी वजह से उसके आंख की रोशनी कम होने के साथ सिर में दर्द की परेशानी थी। इस मरीज में ट्यूमर को निकालने के लिए बिना चीरा लगाए नाक के जरिए नजल इंडोस्कोप से  पहुंच कर ब्रेन सर्जरी की गई। 

chat bot
आपका साथी